बेंगलुरू। सूडान में इस वक्त गृह युद्ध जैसे हालात है। देश पर नियंत्रण को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष चल रहा है। इस हिंसा में अब तक 200 लोगों की मौत हो गई। इस बीच सूडानी शहर अल-फशेर में कर्नाटक के 31 आदिवासियों के फंसे होने की खबर सामने आई है। मीडिया […]
बेंगलुरू। सूडान में इस वक्त गृह युद्ध जैसे हालात है। देश पर नियंत्रण को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष चल रहा है। इस हिंसा में अब तक 200 लोगों की मौत हो गई। इस बीच सूडानी शहर अल-फशेर में कर्नाटक के 31 आदिवासियों के फंसे होने की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सभी लोग पिक्की जनजाति के हैं और ये आयुर्वेदिक दवाओं को बेचने के लिए 10 महीने पहले सूडान गए थे।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सूडान में फंसे कर्नाटक के लोगों की वापसी के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और गृहयुद्ध से परेशान सूडान में फंसे हक्की पिक्की जनजाति के कर्नाटक के 31 लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जंग छिड़ी हुई है। देश पर नियंत्रण को लेकर दोनों के बीच लगातार संघर्ष जारी है, जिसमें अब तक करीब 200 लोगों की मौत हो गई और 1800 से अधिक घायल हो गए हैं। सेना और अर्धसैनिक बल लगातार एक दूसरे के ठिकानों पर भारी गोलीबारी और हवाई हमले कर रहे हैं। सेना के मुख्यालय के पास लगातार गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं। देश में गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं।
इस सैन्य संघर्ष की वजह सूडान के आम लोगों में दहशत का माहौल है। लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं, वे अपने घरों में छिपे हुए हैं। संघर्ष के कारण लोगों को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में लोग रोटी और पेट्रोल के लिए कतार में खड़े नजर आ रहे हैं। सेना और अर्धसैनिकों बलों के बीच चल रही इस जंग में आम नागरिकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बता दें कि सूडान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले कई महीने से तनाव की स्थिति थी। साल 2021 में सूडान में तख्तापलट हुआ था। इसके बाद सशस्त्र बलों में एकीकरण को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों की सहमति नहीं बन पाई, जिसकी वजह से तनाव उत्पन्न हुआ। बाद में यह तनाव संघर्ष में तब्दील हो गया। बताया जा रहा है कि यह संघर्ष कई महीनों तक चल सकता है।
संघर्ष को समाप्त करने के लिए सूडान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अरब लीग के प्रमुख, यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख और अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख समेत कई शीर्ष राजनयिकों ने सेना और अर्धसैनिक बलों से इस जंग को खत्म करने की अपील की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सूडान पर लोकतंत्र की बहाल करने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
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