नई दिल्ली। यरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद में बुधवार को इज़राइल पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान इज़राइल पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने अल-अक्सा में नमाज पढ़ने वालों पर हमला कर दिया। वहीं इस पर इज़राइल पुलिस ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी यह कार्रवाई दंगे की स्थिति […]
नई दिल्ली। यरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद में बुधवार को इज़राइल पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान इज़राइल पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने अल-अक्सा में नमाज पढ़ने वालों पर हमला कर दिया। वहीं इस पर इज़राइल पुलिस ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी यह कार्रवाई दंगे की स्थिति पर काबू पाने के लिए की गई है। पुलिस के मुताबिक कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों और पत्थरों के साथ मस्जिद के भीतर बंद कर लिया था।
इसके बाद पुलिस फोर्स को उन्हें रोकने के लिए मस्जिद में घुसना पड़ा। पुलिस ने बताया कि मस्जिद में प्रवेश करते ही नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थरों से हमला करना शुरू कर दिया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया। वहीं मामले पर फिलिस्तीनी गवाहों ने कहा कि रमजान के महीने में इज़राइल पुलिस ने उन पर ग्रेनेड और आंसू गैस से हमला किया था। इस दौरान कई लोगों का दम भी घुटने लगा था। बता दें, इजरायल पुलिस के साथ हुई इस झड़प में 14 लोग घायल हुए हैं।
इस दौरान इज़राइली पुलिस का दावा है कि हमले के कुछ देर पहले ही गाजा स्ट्रिप से इज़राइल की तरफ 9 रॉकेट दागे गए थे। इनमें से 5 रॉकेट को मार गिराया गया था, जबकि बाकी खुले मैदान में गिर गए। फिलहाल किसी भी ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि यह हमला आतंकी संगठन हमास द्वारा किया गया है। वहीं हमले के जवाब में इज़राइली पुलिस द्वारा भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा में कई लड़ाकू विमानों से हमला किया गया है।
अल-अक्सा मस्जिद में हुए हमले की हमास ग्रुप ने निंदा की है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को गंभीर अपराध बताया है। इसके अलावा उन्होंने फिलिस्तीनियों से मस्जिद की रक्षा के लिए एकजुट होने के लिए भी कहा है। वहीं हमास के डिप्टी हेड सालेह अल-अरौरी ने कहा है कि इजराइल को इस्लाम के पवित्र स्थानों पर हमले की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। मस्जिद में हमले का विरोध करते हुए गाजा में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने मस्जिद की रक्षा करने के नारे लगाए और कई टायरों को आग लगा दी।
बता दें, पूर्वी येरूशलम और वेस्ट बैंक में कई महीनों से तनाव बना हुआ है। वहीं इज़राइली पुलिस के घुसने के बाद माना जा रहा है कि इज़राइल और फिलीस्तीन के बीच का तनाव और बढ़ सकता है। येरूशलम विवादित पवित्र परिसर में इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र मस्जिद है, जबकि इसे यहूदी धर्म में भी सबसे पवित्र स्थल का दर्जा प्राप्त है, जिसे टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है। अतीत में इज़राइल और गाजा के हमास शासकों के बीच अल अक्सा मस्जिद विवाद की वजह से घातक युद्ध हो चुके हैं।