यूपी पंचायत चुनाव: साइकिल की घंटी टनटनाई, हाथी भी चिघ्घाड़ा

उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत और ब्लॉक पंचायत चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बढ़िया प्रदर्शन से लोकसभा चुनाव के बाद से ही निराशा और हताश चल रहे दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है. इन चुनावों में बीजेपी की बुरी हार हुई है और कांग्रेस का तो एक तरह से सफाया ही हो गया है.

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यूपी पंचायत चुनाव: साइकिल की घंटी टनटनाई, हाथी भी चिघ्घाड़ा

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  • November 2, 2015 3:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत और ब्लॉक पंचायत चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बढ़िया प्रदर्शन से लोकसभा चुनाव के बाद से ही निराशा और हताश चल रहे दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है. इन चुनावों में बीजेपी की बुरी हार हुई है और कांग्रेस का तो एक तरह से सफाया ही हो गया है.
 
राज्य में 3112 जिला पंचायत और 77576 ब्लॉक पंचायत सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे जिनकी आज मतगणना चल रही है. अभी तक आ रहे नतीजे और रुझान से समाजवादी पार्टी सबसे आगे दिख रही है. हालांकि समाजवादी पार्टी के कई मंत्रियों और बड़े नेताओं के रिश्तेदार चुनाव हारे हैं लेकिन पार्टी अच्छा कर रही है.
 
मुलायम के गढ़ आजमगढ़ में ओवैसी का उम्मीदवार जीता
 
मायावती की बहुजन समाज पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने भी खासी जीत दर्ज की है. लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल पाया था और उसके बाद हुए विधानसभा के उप-चुनावों में पार्टी लड़ी ही नहीं. विधानसभा के उप-चुनावों में सपा ने ज्यादा सीटें जीती थीं.
 
मुलायम सिंह की संसदीय सीट आजमगढ़ में राजनीतिक सनसनी फैलाते हुए असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी के समर्थन के साथ लड़ रहे एक उम्मीदवार ने मकसुदिया सीट से जीत दर्ज की है. मुलायम सिंह ने जिस तमौसी गांव को गोद लिया था वहां भी सपा समर्थित कैंडिडेट हार गया है.
 
चुनाव नतीजे से सपा-बसपा के कार्यकर्ता जोश में
 
पंचायत चुनाव में पार्टी के सिंबल पर चुनाव नहीं होता है लेकिन आम तौर पर सारी पार्टियां अपने नेताओं को चुनाव लड़ाती है और उन्हें औपचारिक तौर पर अपना समर्थन भी देती हैं. 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव है और ऐसे में सपा और बसपा के लिए ये जीत पार्टी के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगी.
 
बीजेपी और कांग्रेस के लिए ये हार एक सबक है जिसे ध्यान में रखकर ये दोनों पार्टियां अब 2017 की रणनीति बनाएंगी. बीजेपी और कांग्रेस को इस बात से ज्यादा झटका लगा है कि नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के क्षेत्र में भी उनके कैंडिडेट बड़ी संख्या में हारे हैं.
 
चुनाव आयोग अब 27 नवंबर से 9 दिसंबर तक चार चरणों में राज्य में ग्राम प्रधान यानी मुखिया और ग्राम पंचायतों के चुनाव कराएगा. इस चुनाव की मतगणना 12 दिसंबर को होगी. जिला पंचायत और ब्लॉक पंचायत के बाद इस चुनाव पर सबकी नज़र होगी क्योंकि इसके बाद 2017 में राज्य का महा-मुकाबला होगा.

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