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दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच रिश्ता खत्म, तलाक की अर्जी पर कोर्ट ने लगाई मुहर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के बीच 22 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। लखनऊ की एक पारिवारिक न्यायालय ने दोनों की तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी है। बता दें कि पिछले साल की फैमिली कोर्ट में स्वाति की ओर से तलाक के लिए […]

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दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच रिश्ता खत्म, तलाक की अर्जी पर कोर्ट ने लगाई मुहर
  • April 4, 2023 10:37 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के बीच 22 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। लखनऊ की एक पारिवारिक न्यायालय ने दोनों की तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी है। बता दें कि पिछले साल की फैमिली कोर्ट में स्वाति की ओर से तलाक के लिए वाद दायर किया गया था। इसके बाद अब लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने तलाक की मंजूरी दे दी है।

10 साल से अलग रह रहे थे

दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह 18 मई 2001 को शादी के बंधन में बंधे थे। बाद में दोनों के रिश्ते में खटास आ गई। दोनों पिछले 10 साल से अलग-अलग रह रहे थे। राजनीति से लेकर आम लोगों तक सभी को ये पता था कि दोनों सिर्फ नाम के पति-पत्नी हैं। इसके बाद अब कानूनी रूप से दोनों अलग हो गए।

स्वाति ने 2012 में दी अर्जी

दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के दो बच्चे हैं। एक बेटी और एक बेटा। दोनों स्वाति सिंह के साथ ही रहते हैं। वक्त-वक्त पर दयाशंकर सिंह भी अपने बच्चों से मुलाकात करते हैं। बाद में जब दयाशंकर सिंह के साथ रिश्ते बिगड़े तो स्वाति सिंह ने 2012 में कोर्ट में तलाक की अर्जी दी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

एक बयान ने फिर से मिलाया

बता दें कि, जुलाई 2016 में दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के खिलाफ विवादित बयान दे दिया था। जिसके बाद बसपा के नेताओं ने दयाशंकर के बच्चों को लेकर गलत बयानबाजी की थी। इस दौरान स्वाति ने मोर्चा संभाला था। इसके बाद दोनों पति-पत्नी के बीच फिर से नजदीकी हुई।

सरकार में मंत्री बनीं स्वाती

बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में दयाशंकर सिंह को टिकट नहीं दिया, लेकिन उनकी पत्नी स्वाति सिंह को प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद स्वाति विधायक बनीं और फिर योगी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। स्वाति के मंत्री बनने के कुछ वक्त बाद दोनों के रिश्ते फिर से बेहद खराब हो गए।

2022 में दयाशंकर को टिकट

भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह का टिकट काटकर बलिया से दयाशंकर को टिकट दिया, जहां से जीतकर वह विधायक और योगी सरकार में मंत्री बने। इसके बाद 2022 में स्वाति सिंह ने इस रिश्ते को खत्म करने के लिए फिर से अदालत में अर्जी दी। दयाशंकर सिंह के कोर्ट में उपस्थित न होने पर अदालत ने स्वाति के साक्ष्य से सहमत होकर तलाक का फैसला लिया।

ABVP के कार्यक्रम में मिले थे

बता दें कि, दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच रिश्ते की शुरूआत अखिल भारतीय विद्यार्थी के कार्यक्रमों से हुई थी। स्वाति इलाहाबाद से MBA की पढ़ाई कर रही थीं और दयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के तेजतर्रार छात्र राजनेता थे। विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रमों के दौरान ही दोनों का मेलजोल बढ़ा, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली। दयाशंकर और स्वाति दोनों बलिया के ही रहने वाले हैं।

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