नई दिल्ली। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन को संसदीय चुनाव में बड़ा झटका लगा है। उनकी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को रविवार देर रात आए चुनाव परिणामों में हार का सामना करना पड़ा है। पेटेरी ओर्पो के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी ने चुनाव में सबसे ज्यादा मत हासिल किए हैं। इसके बाद आर्थिक चिंताओं पर […]
नई दिल्ली। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन को संसदीय चुनाव में बड़ा झटका लगा है। उनकी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को रविवार देर रात आए चुनाव परिणामों में हार का सामना करना पड़ा है। पेटेरी ओर्पो के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय गठबंधन पार्टी ने चुनाव में सबसे ज्यादा मत हासिल किए हैं। इसके बाद आर्थिक चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली केंद्र-दक्षिणपंथी फिन्स पार्टी ने दूसरा स्थान हासिल किया, वहीं सना मरीन की पार्टी को सबसे कम सीटें मिली हैं और वह चुनाव परिणामों में तीसरे स्थान पर है। हालांकि, 200 सीटों वाले सदन में किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ है।
रविवार देर रात फिनलैंड संसदीय चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गए। चुनावी नतीजों के मुताबिक, आर्पो की पार्टी ने 20.8 प्रतिशत मत हासिल करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, रिक्का पुर्रा के नेतृत्व वाली फिन्स पार्टी को 20.0 फीसदी वोट मिले और उसे 46 सीटों पर विजय मिली। जबकि दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री होने का तमगा हासिल करने वाली सना मरीन की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को 19.9 फीसदी वोट मिले और उनके खाते में 43 सीटें आईं।
बता दें कि, संसदीय चुनाव परिणामों ने प्रधानमंत्री सना मरीन को बहुत बड़ा झटका दिया है। देश में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए लग रहा था कि उनकी पार्टी आसानी से बहुमत का आंकड़ा जुटा लेगी, लेकिन विपक्ष द्वारा बढ़ते कर्ज के मुद्दे को उठाए जाने के बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। फिलहाल, ओर्पो के पास फिन्स या सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन की सरकार बनाने का मौका है। हालांकि, उनके लिए भी गठबंधन की सरकार चला पाना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि उन्हें किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद भी छोटे दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी।
सना मरीन को दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री कहा जाता है। वे साल 2019 में 34 साल की उम्र में दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनी थीं। कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उनकी सरकार को खूब तारीफें मिली थीं। इसके साथ ही फिनलैंड को नाटो में शामिल कराने का क्रेडिट भी उन्हें दिया जाता है। हालांकि, 2022 में उनका पार्टी में शराब पीकर डांस करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे लेकर फिनलैंड में काफी सियासी बवाल मचा था। इससे पहले 2021 में कोविड महामारी के दौरान क्लब जाने के लिए भी उनकी काफी आलोचना हुई थी, बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी।
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