नई दिल्ली : वैज्ञानिक रोज नई-नई खोज करते रहते है जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है. वैज्ञानिकों ने एक खास तरह के पेंट कि खोज की है. इस पेंट की काफी चर्चा हो रही है. एक बोइंग विमान को पेंट करने में लगभग 400 लीटर से अधिक पेंट लग जाता था लेकिन इस पेंट से […]
नई दिल्ली : वैज्ञानिक रोज नई-नई खोज करते रहते है जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है. वैज्ञानिकों ने एक खास तरह के पेंट कि खोज की है. इस पेंट की काफी चर्चा हो रही है. एक बोइंग विमान को पेंट करने में लगभग 400 लीटर से अधिक पेंट लग जाता था लेकिन इस पेंट से अगर विमान को पेंट किया गया तो केवल 1.36 किलोग्राम पेंट लगेगा. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह पेंट सदियों तक टिका रहेगा और इससे ऊर्जा की बचत करने में भी मदद मिलेगी.
वैज्ञानिको को इस पेंट बनाने की प्रेरणा तितलियों से मिली. वैज्ञानिकों ने कहा कि पंखों के रंगों से प्रेरित होकर तैयार किया है. इस पेंट में रंगों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. पेंट में रंगों की जगह पिगमेंट का इस्तेमाल किया गया है. वैज्ञानिकों ने इस पेंट का नाम प्लासमोनिक पेंट दिया है. इस पेंट के लैब में बनाया गया है और बड़े पैमाने पर बनाने में समय लगता है.
प्लासमोनिक पेंट को नैनोसाइंटिस्ट देवाशीष चंदा ने बनया है. वैज्ञानिकों ने इस हल्के प्लासमोनिक पेंट को कई रंगों में तैयार किया है. वैज्ञानिक अब इस पेंट को बड़ी मात्रा में बनाने की कोशिश कर रहे है. देवाशीष ने बताया कि अमेरिका में कुल बिजली खपत का 10 प्रतिशत एयरकंडिशन पर खर्च होता है.
अभी जो पेंट बनता है उसको आर्टिफिशियली सिंथेसाइज करके बनाया जाता है. इस पेंट यानी प्लासमोनिक पेंट के हर कण की इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी होती है जिससे यह तय होता है पेंट कितान गर्मी और प्रकाश को सोखेगा. इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी के कारण ये काफी हल्का है. इस पेंट की मोटाई सिर्फ 150 नैनोमीटर्स है.