हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को हरिद्वार में संन्यास दीक्षा के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया। भागवत ने कहा कि सनातन धर्म को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह हमेशा समय की कसौटी पर खराब साबित हुआ है। RSS प्रमुख ने संन्यास […]
हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को हरिद्वार में संन्यास दीक्षा के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया। भागवत ने कहा कि सनातन धर्म को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह हमेशा समय की कसौटी पर खराब साबित हुआ है। RSS प्रमुख ने संन्यास की दीक्षा लेने वाले लोगों से कहा कि आज आप भगवा रंग धारण करके उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं, लेकिन जो सनातन है, उसे किसी भी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि सनातन धर्म जो सबसे पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा। बाकी सब कुछ तो बदल जाता है, लेकिन ये पहले शुरू हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा। भागवत ने कहा कि हमें अपने आचरण से लोगों को सनातन के बारे में समझाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा दिमाग आज सनातन की ओर जा रहा है, कोरोना के बाद लोगों को काढ़े का मतलब समझ आया। प्रकृति ने ऐसी करवट ली है कि अब हर किसी को सनातन की ओर करवट लेनी होगी।
योग गुरु बाबा रामदेव ने संन्यास दीक्षा कार्यक्रम में कहा कि देश तो कई साल पहले ही आजाद हो गया, लेकिन शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था उसकी अपनी नहीं है। हमें गुलामी के संस्कारों और प्रतीकों को खत्म करना होगा और यह काम सिर्फ संन्यासी ही कर सकते हैं। बता दें कि, आज रामनवमी के अवसर पर स्वामी रामदेव 150 युवाओं को संन्यास की दीक्षा देंगे। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
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