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UP Nagar Nikay Chunav को SC ने दिखाई हरी झंडी, मिली नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है जहां शीर्ष अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट से यूपी निकाय चुनाव को हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण के साथ ही निकाय चुनाव करवाने की अनुमति दे दी है. शीर्ष अदालत ने OBC आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करते […]

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UP Nagar Nikay Chunav को SC ने दिखाई हरी झंडी, मिली नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत
  • March 27, 2023 5:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है जहां शीर्ष अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट से यूपी निकाय चुनाव को हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण के साथ ही निकाय चुनाव करवाने की अनुमति दे दी है. शीर्ष अदालत ने OBC आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए अपना फैसला सुनाया है.

नोटिफिकेशन जारी करने की भी इज़ाज़त

जहां अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को निकाय चुनाव करवाने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की भी इज़ाज़त दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को इज़ाज़त दे दी है कि वह दो दिन के भीतर चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने फैसला सुनते हुए कहा कि 28 दिसंबर 2022 को OBC आयोग का गठन किया गया था जिसे लेकर 7 मार्च 2023 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी है.

आरक्षण की सिफारिश

गौरतलब है कि इससे पहले निकायवार ओबीसी की आबादी की राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण की सिफारिश की थी. इसी कड़ी में 1995 के बाद हुए निकाय चुनावों को आधार बनाया गया. आयोग ने प्रदेश के सभी निकायों के परीक्षण के बाद 20 से 27 प्रतिशत की रेंज में अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग आरक्षण देने की सिफारिश की.

 

बसपा ने बनाई ये रणनीति

निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर इस समय प्रदेश में सभी पार्टियां अपनी-अपनी योजना बनाने में जुट गई हैं. जहां बसपा ने साफ़ कर दिया है कि पार्टी के सभी 10 सांसदों को निकाय चुनाव की तैयारी में सक्रिय करेगी. इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती जल्द ही इस संबंध में बैठक कर इन सांसदों को जिम्मेदारियां सौंपेंगी. कहा जा रहा है कि बसपा की ये बैठक दिल्ली में आयोजित की जा सकती है. वहीं इन सांसदों के कंधे पर अन्य वर्ग के युवाओं को भी जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी.

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