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Mafia Queen: गैंगस्टर वर्ल्ड में चलता है इन लेडी डॉन्स का सिक्का!

नई दिल्ली: कहा जाता है कि अपराध की दुनिया में पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन अंडरवर्ल्ड की लेडी डॉन्स भी कभी किसी से पीछे नहीं रही। कई महिलाएं अपराध की खूंखार दुनिया में कदम रख चुकी हैं और अपने इलाके की कानून व्यवस्था के लिए सिरदर्द साबित हुई हैं। कुछ को जेल जाने के […]

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Mafia Queen: गैंगस्टर वर्ल्ड में चलता है इन लेडी डॉन्स का सिक्का!
  • March 23, 2023 11:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: कहा जाता है कि अपराध की दुनिया में पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन अंडरवर्ल्ड की लेडी डॉन्स भी कभी किसी से पीछे नहीं रही। कई महिलाएं अपराध की खूंखार दुनिया में कदम रख चुकी हैं और अपने इलाके की कानून व्यवस्था के लिए सिरदर्द साबित हुई हैं। कुछ को जेल जाने के बाद पति का काला कारोबार संभालने लगी तो कुछ ने पति की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध का रास्ता चुना।

 

 

➨ अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन

बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित उमेश पाल मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ था। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ शाइस्ता परवीन की साजिश का खुलासा हुआ है। आपको बता दें, 25 हजार का इनामी शाइस्ता परवीन कोई और नहीं बल्कि यूपी माफिया डॉन अतीक अहमद की बीवी हैं। अतीक के जेल जाने के बाद उसने अपना काला साम्राज्य चलाया। उमेश पाल हत्याकांड में गिरफ्तार नियाज अहमद ने पुलिस पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि शाइस्ता ने ही शूटरों से मुलाकात की थी।

 

➨ पुलिस वालों के घर में हुआ था जन्म

आपको बता दें, अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन प्रयागराज की रहने वाली हैं। आज वह मोस्ट वांटेड है लेकिन शाइस्ता परवीन का रिश्ता यूपी पुलिस परिवार से जुड़ा हुआ है। उनके पिता कांस्टेबल थे। वह छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की और 1996 में उन्होंने अतीक अहमद से शादी कर ली। अतीक अहमद पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहा।

लेकिन राजनीति के साथ-साथ वो अपने इलाके के डॉन बाहुबली के नाम से मशहूर था।
अतीक के जेल जाने के बाद, शाइस्ता ने अपनी राजनीतिक विरासत और आपराधिक गतिविधियों की कमान संभाली और बसपा की सदस्य बन गई। लेकिन उमेश पाल हत्याकांड का खुलासा होने के बाद से वह फरार है

 

➨ मुख्तार अंसारी की बीवी अफशा अंसारी

दूसरे बाहुबली की पत्नी और उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मिस्टर मुख्तार अंसारी की कहानी लगभग एक जैसी है। मुख्तार अंसारी के जेल जाने के बाद अफशा अंसारी ने अपना पूरा नेटवर्क चलाना शुरू कर दिया। अफशा पर है गैंगस्टर एक्ट का आरोप अफशा अंसारी पर दलितों की जमीन हड़पने से लेकर काले धन को सफेद धन में बदलने जैसे कई संगीन आरोप लगे हैं।

लखनऊ पुलिस ने वर्ष 2022 में अफशा अंसारी के नाम से सवा दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने अपने कई आशीर्वाद और मूल्यवान संसाधनों की खोज की है। मुख्तार अंसारी के काले साम्राज्य को हथियाने के लिए जब भी मुख्तार अंसारी को जेल जाना पड़ा, अफशा अंसारी जेल जाती रही। अफशा का अहम मकसद अपने माफिया पति के खौफ को कायम रखना था।

➨ दाऊद की बहन हसीना पारकर का खौफ

हसीना पारकर का नाम आपने भी ज़रूर सुना होगा। हसीना पारकर मुंबई के सबसे खतरनाक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन थी। उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बन चुकी है। हालांकि कहा जाता है कि शुरुआत में वह अपराध की दुनिया से पूरी तरह से दूर थी, लेकिन पति की मौत के बाद वह अंडरवर्ल्ड की डॉन बन गई। साल 1973 में महज 14 साल की उम्र में उन्होंने इस्माइल इब्राहिम पारकर से शादी कर ली।

इस्माइल पेशे से एक होटल व्यवसायी था, लेकिन 1992 में अरुण गवली के गिरोह ने उसका क़त्ल कर दिया था। इसके बाद दाऊद ने इस्माइल के हत्यारों का सफाया करके अपना बदला लिया, लेकिन इस घटना के बाद, हसीना उसके भाई की राइट हैंड बन गई।

 

 

➨ गुजरात के संतोखबेन जडेजा की खूनी कहानी

जब भी माफिया गॉडमदर का जिक्र आता है तो गुजरात के संतोख बेन जडेजा की कहानी हर किसी की जुबान पर होती है। कहा जाता है कि 1990 के दशक में पूरा गुजरात उनके नाम से कांपता था। उसका काला साम्राज्य पोरबंदर से 40 किलोमीटर दूर था। उनकी जीवनी पर आधारित एक फिल्म भी बनी थी। संतोख बेन जडेजा का खौफ गुजरात से बाहर भी कायम था। अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से भी उसके करीबी संबंध थे।

हसीना पारकर की तरह संतोख बेन ने भी अपने पति से बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा था। संतोख बेन जडेजा ने बंदूक उठाई और अपने पति की हत्या में शामिल लोगों को मार डाला। यहीं से उसका नाम और गिरोह का खौफ हर जगह फैल गया। साल 1989 में वह विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में भी कड़ी हुई और जीत गई। उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज थे।

 

 

➨ मुंबई की जेना बाई की जुर्म की कहानी

मुंबई की जेना बाई को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की पहली महिला डॉन कहा जाता रहा है। यहां तक ​​कि वरदराजन, हाजी मस्तान, करीम लाला, दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और इब्राहिम कास्कर जैसे बड़े डॉन भी उन्हें ‘मौसी’ कहते थे। बड़े-बड़े माफिया और अंडरवर्ल्ड के डॉन उनके आगे थर्राते थे। बीस साल की उम्र तक वह अपराध और जबरन वसूली की दुनिया में कदम रख चुकी थीं।

कहा जाता है कि उनका डर इतना ज्यादा था कि पुलिस भी उसे गिरफ्तार करने से बचती थी। 1960 के दशक में अवैध रूप से शराब बेचने के आरोप में पुलिस ने उन्हें एक बार गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस को उन्हें तुरंत रिहा करना पड़ा था।

 

 

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