नई दिल्ली: राहुल गांधी को चार साल पहले पीएम मोदी के सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी मामले में गुजरात के सूरत जिला कोर्ट ने दोषी करार करते हुए दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार के किसी बड़े नाम को दोषी करार दिया गया है. देश […]
नई दिल्ली: राहुल गांधी को चार साल पहले पीएम मोदी के सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी मामले में गुजरात के सूरत जिला कोर्ट ने दोषी करार करते हुए दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार के किसी बड़े नाम को दोषी करार दिया गया है. देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी दोषी करार दिया गया था.
बात 12 जून 1975 की है जब सुबह के 10 बजे इलाहाबाद हाई कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 24 में खचाखच भीड़ थी. क्योंकि थोड़ी ही देर में वह ऐतिहासिक फैसला आने वाला था जो देश की राजनीति को अगले ही पल बदलने वाला था. कई दौर की सुनवाई के बाद जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने अपना सिर उठाया और कम शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा- इंदिरा गांधी रायबरेली में हुए चुनाव में धांधली की दोषी पाई गई हैं, उनका ये चुनाव रद्द कर उन्हें इस मामले में दोषी पाया जाता है. 48 साल पहले की इस घटना को एक बार फिर इसलिए दोहराया जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी भी एक मामले में दोषी करार दिए गए हैं. इसके अलावा भी गांधी परिवार के कई ऐसे सदस्य रहे हैं जिनपर दोष सिद्ध हो चुके हैं.
इंदिरा गांधी को सजा मिलने की कहानी 1971 से शुरू होती है. पूर्व पीएम को 12 जून 1975 को इस मामले में दोषी पाया गया था. उनपर चुनाव में धांधली करने का आरोप था. इंदिरा गांधी जब इस सीट से जीत गई थीं तो उनके प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने कोर्ट में उन्हें चुनौती दी थी. इस केस में राजनारायण को जीत मिली थी जिसे अब इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण के नाम से जाना जाता है.
बता दें, राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समाज का अपमान करते हुए इन्हें चोर कहा था। जिसके बाद बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। गुजरात की सूरत कोर्ट ने चार साल पुराने इस मामले में गुरुवार को राहुल को दोषी ठहरा दिया है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी को तुरंत 30 दिन की जमानत भी मिल गई। इसके अलावा कोर्ट ने राहुल गांधी को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का समय भी दिया है। इस दौरान वह परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
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