Bihar के बाद UP में JDU! केसी की जगह धनंजय की ‘ताजपोशी’ के क्या है मायने?

नई दिल्ली: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी ने बड़ा ऐलान किया है. इन चुनावों में जेडीयू बिहार में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी उतरेगी. पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह सपा के साथ गठबंधन करेगी. ऐसे में 2024 के चुनावों से पहले ही JDU यूपी […]

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Bihar के बाद UP में JDU! केसी की जगह धनंजय की ‘ताजपोशी’ के क्या है मायने?

Riya Kumari

  • March 22, 2023 5:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी ने बड़ा ऐलान किया है. इन चुनावों में जेडीयू बिहार में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी उतरेगी. पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह सपा के साथ गठबंधन करेगी. ऐसे में 2024 के चुनावों से पहले ही JDU यूपी में अपने संगठन को नए तरीके से धार देने की कवायद कर रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश से आने वाले दिग्गज नेता केसी त्यागी की जगह बाहुबली नेता धनंजय सिंह को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है. जेडीयू ने धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल को साधने के लिए पहले ही बड़ा दांव चल दिया गया है.

केसी की जगह लेंगे धनंजय

जेडीयू की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 22 नेताओं को महासचिव का पद दिया गया है. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रहे केसी त्यागी का नाम शामिल नहीं है. केसी त्यागी उत्तर प्रदेश से आते हैं जो लंबे वक्त से नीतीश कुमार के साथ हैं. वह पार्टी संगठन में अलग पदों पर कार्यरत थे साथ ही त्यागी जेडीयू में शरद यादव से लेकर नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह और ललन सिंह की टीम में महासचिव का रोल भी अदा कर चुके हैं. लेकिन इस बार उनकी जगह पर जौनपुर से सांसद रहे बाहुबली नेता धनंजय सिंह ने ले ली है. अब उन्हें पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव का जिम्मा सौंपा है.

 

पश्चिमी यूपी से आते हैं केसी

 

 

केसी त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं जिन्होंने चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की और फिर बाद में जाकर वह नीतीश कुमार से जुड़ गए. साल 1989 में जनता दल से उन्हें हापुड़-गाजियाबाद लोकसभा सीट से टिकट मिला जिसके बाद यह सांसद चुने गए. लंबे समय से वह JDU के ही साथ हैं. पांच दशक की राजनीतिक पारी खेलने के बाद उन्होंने ब्रेक ले लिया है. उनका संबंध त्यागी ब्राह्मण समाज से है जो भाजपा का कोर वोटबैंक भी माने जाते हैं. हालांकि मौजूदा समय में त्यागी समुदाय चंद सीटों तक ही सीमित है.

पूर्वांचल के हैं धनंजय

दूसरी ओर धनजंय सिंह को JDU अब यूपी में आगे बढ़ाकर अपना सियासी दाव मजबूत कर रही है. पूर्वांचल के जौनपुर जिले से धनजंय सिंह आते हैं, जहां से वह सांसद और कई बार विधायक रह चुके हैं. धनंजय ठाकुर जाति से संबंध रखते है और जौनपुर में अपनी जाति के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. नतीजतन धनजंय सिंह जिस मल्हनी सीट से चुनाव लड़ रहे थे, वहां पर बीजेपी की 2022 के चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी. JDU के टिकट पर लड़कर धनंजय ने अपना दम दिखा दिया था. पूरे उत्तर प्रदेश में जेडीयू की इकलौती यही सीट थी.

इस आधार पर पैर पसारेगी JDU

ऐसे में माना ये जा रहा है कि जेडीयू इस समय उत्तर प्रदेश में अपने राजनीतिक विस्तार को लेकर योजना बना रही है. खासकर सामाजिक समीकरण उसे अपने अनुकूल दिख रहा है. यूपी के उन जिलों में जो बिहार से सटे हैं कुर्मी समुदाय की बड़ी आबादी है जो यादवों के लगभग बराबर है. इसी आधार पर जेडीयू साल 2024 के चुनावों में यूपी में पैर पसारने की तैयारी में है. जिसकी प्रक्रिया अब पूर्वांचल के इलाके से शुरू हो गई है. जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जेडीयू द्वारा राष्ट्रीय महासचिव बनाना इसी ओर इशारा करता है.

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