नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब अमर्यादित टिप्पणी मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पर दर्ज़ सभी FIR को लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है अंतरिम जमानत […]
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब अमर्यादित टिप्पणी मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पर दर्ज़ सभी FIR को लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है
सोमवार (20 मार्च) को शीर्ष अदालत ने ये फैसला सुनाया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दी अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है. साथ ही पवन खेड़ा को अब लखनऊ कोर्ट में नियमित ज़मानत का आवेदन देने के लिए कहा है. गौरतलब है कि 23 फरवरी को उनको दिल्ली में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद उन्हें असम ले जाया जा रहा है. इस मामले को लेकर उन्होंने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तारी की शाम को ही अंतरिम जमानत दे दी गई थी. बता दें, खेड़ा के खिलाफ असम में एक और यूपी में 2 समेत कुल 3 एफआईआर दर्ज हुई हैं. उस समय उनकी ओर से अपने बयान पर सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी भी मांगी गई थी.
गौरतलब है कि पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार कर लिया गया था जब वह रायपुर के लिए रवाना हो रहे थे. इस दौरान उनके साथ और भी कांग्रेस नेता मौजूद थे. असम में पवन खेड़ा के खिलाफ कई मामले दर्ज़ किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. एक बार फिर उन्हें शीर्ष अदालत से राहत मिली है जहां पहले भी उनकी अंतरिम जमानत 17 मार्च तक के लिए बढ़ा दी गई थी. उस समय सुप्रीम कोर्ट होली की छुट्टी के बाद उनकी जमानत याचिका पर कार्रवाई करने को कहा था. दरअसल चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने समय के अभाव में यह फैसला लिया था.
गौरतलब है कि बीते गुरुवार (23 फरवरी) को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था. उनके खिलाफ एक विवादित बयान को लेकर असम पुलिस के पास 15 से अधिक मामले दर्ज़ थे. जिसके बाद असम सरकार के कहने पर खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था. बता दें, उनकी ये विवादित टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ थी.
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