पटना: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष कश्यप का नाम सामने आया है। इसी के बाद अब आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप ने खुद को बिहार पुलिस के हवाले कर दिया है। जी हाँ, आपको बता दें, कश्यप ने शनिवार 18 मार्च को बेतिया के जगदीशपुर […]
पटना: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष कश्यप का नाम सामने आया है। इसी के बाद अब आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप ने खुद को बिहार पुलिस के हवाले कर दिया है। जी हाँ, आपको बता दें, कश्यप ने शनिवार 18 मार्च को बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया। इसके बाद मनीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मनीष कश्यप ने एक नया वीडियो बनाया है। आइए आपको इस बारे में बताते हैं:
जारी किए गए इस नए वीडियो में मनीष ने भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था में अपना विश्वास जताया है। मनीष कश्यप ने कहा, ‘मुझे भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और इसीलिए मैं अब जेल जा रहा हूँ। तमिलनाडु के मुद्दे पर समाचार कई समाचार पत्रों और कई नेताओं द्वारा प्रकाशित और साझा किया गया है। लेकिन पुलिस विशेष रूप से मेरा पीछा करती रही। मुझे पता है कि मैं गलत नहीं हूँऔर मेरे साथ न्याय किया जाएगा।
आपको बता दें, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और पुलिस की टीमें कई दिनों से मनीष कश्यप की तलाश कर रही थीं। हाल ही में मनीष कश्यप ने बिहार के मजदूरों से जुड़ा एक विवादित वीडियो जारी किया था।बाद में पता चला कि वीडियो फर्जी है। इस मामले को लेकर काफी बवाल हुआ था। इसके बाद से बिहार पुलिस के साथ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की 6 टीमों ने पूर्व से लगातार इनके ठिकानों पर छापेमारी की। 18 मार्च की सुबह पुलिस की एक टीम मझौलिया थाना क्षेत्र के महना डुमरी गाँव में मनीष कश्यप के घर सुरक्षित करने गई थी। इसके तुरंत बाद मनीष ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया।
तमाम खबरों के मुताबिक, मनीष पर फर्जी ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो बनाने और तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमले की खबर के साथ वायरल करने का आरोप है। बिहार पुलिस ने तब हस्तक्षेप किया और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। EOU ने कार्रवाई करते हुए बिहार के जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाने के रहने वाले अमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि मामले में अन्य आरोपियों राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बिहार पुलिस ने जाँच के आधार पर कहा कि सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया वीडियो किसी की हत्या का है। जब जाँच आगे बढ़ी तो पता चला कि यह किसी के प्राण त्यागने का पुराना वीडियो है और इसका बिहार में रहने वाले किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। एक अन्य वीडियो भी पुरानी घटना से जुड़ा है। यह वीडियो झारखंड और बिहार के दो लोगों के आपसी विवाद से जुड़ा था। यानी इसका तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं था। वे सभी फर्जी वीडियो थे।