नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर देश की सरकार की तरफ से स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट जारी कर दिया गया है. H3N2 इन्फ्लूएंजा और COVID-19 के मामले भी तेजी से बढ़े है और कई राज्यों ने मामलों में वृद्धि की जानकारी दी है. इसी के चलते केंद्र ने कोरोना मामले में अचानक […]
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर देश की सरकार की तरफ से स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट जारी कर दिया गया है. H3N2 इन्फ्लूएंजा और COVID-19 के मामले भी तेजी से बढ़े है और कई राज्यों ने मामलों में वृद्धि की जानकारी दी है. इसी के चलते केंद्र ने कोरोना मामले में अचानक वृद्धि के कारण रविवार 19 मार्च को कोविड-19 के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में कई राज्य सरकारों को पत्र लिखकर बढ़ते मामलों का मुकाबला करने के लिए परीक्षण, ट्रैक, उपचार और टीकाकरण की पांच-स्तरीय रणनीति का पालन करने के लिए अनुरोध किया था.
संक्रमण की नई लहर को रोकने के लिए कई प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इनमें बताया गया है कि “एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल केवल तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि वायरस संक्रमण का संदेह न हो. अन्य संक्रमणों के साथ कोरोना के सह-संक्रमण की संभावना पर विचार किया जाना चाहिए. साथ ही कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों में बताया गया है, “हल्के रोग के चलते कॉर्टिको स्टेरॉयड की सिफारिश नहीं की जाती है.
बता दें, संशोधित दिशानिर्देशों में कुछ दवाओं की लिस्ट दी गई है जिनका कोविड-19 में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है- जिनमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर और फेविपिराविर के नाम शामिल हैं. दिशानिर्देशों में रोगियों से मध्यम या गंभीर केस में ‘5 दिनों तक रेमडेसिविर पर विचार करने’ को भी कहा गया है, जिनमें संक्रमण बढ़ने का खतरा है.
दिशा-निर्देशों में तेजी से बढ़ रहे संक्रमित लोगों के लिए आग्रह किया गया है कि, “गंभीर बीमारी या आईसीयू में भर्ती होने के 24-48 घंटों के अंदर टोसिलिजुमैब Tocilizumab पर विचार अवश्य करें. वहीं आधिकारिक विज्ञप्ति में हल्के लक्षणों वाले मरीजों के मामले में आग्रह किया गया है, “शारीरिक दूरी, इनडोर मास्क का इस्तेमाल, हाथों की स्वच्छता, रोगसूचक प्रबंधन (हाइड्रेशन, एंटी-पायरेटिक्स, एंटीट्यूसिव) तापमान और ऑक्सीजन का ध्यान रखे.
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