नई दिल्ली : भारत सरकार ने 2023-24 का बजट कर दिया है. बीजेपी सरकार का कहना है कि इस बार का बजट किसानों के हित में है लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि हमारे लिए बजट में कुछ भी नहीं है. किसान संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने गुरूवार को यानी 17 मार्च को एक […]
नई दिल्ली : भारत सरकार ने 2023-24 का बजट कर दिया है. बीजेपी सरकार का कहना है कि इस बार का बजट किसानों के हित में है लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि हमारे लिए बजट में कुछ भी नहीं है. किसान संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने गुरूवार को यानी 17 मार्च को एक बैठक की और इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी दी जाए. इसी मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 20 मार्च को संसद के बाहर किसान महापंचायत करेंगे. किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग लगातार कर रहे है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक में बजट की ओलचान कतते हुए इसे किसान विरोधी करार दिया. बैठक में केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की.
किसना मोर्चा के वरिष्ठ नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि किसानों की मांग अभी तक सरकार नहीं मानी है. एक बार किसान संगठन आंदोलन करने के लिए मजबूर है. अपनी मांग को सरकार के सामने रखन के लिए 20 मार्च को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने जो वादा किया था वो निभाया नहीं, इसी सिलसिले में संयुक्त किसान मोर्चा 20 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे. इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा. वहीं दूसरे किसान नेता डॉ.सुनील ने कहा कि इस बार संयुक्त किसान मोर्चा का संविधान बनेगा. संविधान बनने के बाद आगामी फैसले लिए जाएंगे और 31 सदस्यीय एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट सरकार लागू करे. किसान संगठनों का कहना है सरकरा किसानों का कर्ज मांफ करे और लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री को पद से हटाया जाए.
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