Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • RSS मार्च को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की यचिका पर सुनवाई टली

RSS मार्च को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की यचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली: शुक्रवार (17 मार्च) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को मार्च निकालने की अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका की सुनवाई को उच्चतम न्यायालय ने टाल दिया है. अब इस मामले पर 27 मार्च को सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मित्तल […]

Advertisement
RSS मार्च को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की यचिका पर सुनवाई टली
  • March 17, 2023 8:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: शुक्रवार (17 मार्च) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को मार्च निकालने की अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका की सुनवाई को उच्चतम न्यायालय ने टाल दिया है. अब इस मामले पर 27 मार्च को सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मित्तल की पीठ ने नई तारीख मुकर्रर की है.

इस आदेश को दी चुनौती

इसी कड़ी में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि पिछले साल 22 सितंबर के मूल आदेश को राज्य सरकार ने चुनौती दी है, जिसमें तमिलनाडु पुलिस को RSS के अभ्यावेदन पर विचार करने और बिना किसी शर्त कार्यक्रम आयोजित करने देने का निर्देश दिया गया था. RSS की ओर से वकील ने कहा कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने मामले की मार्च की अनुमति देने के लिए वैकल्पिक प्रस्ताव का वचन दिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का बयान

रोहतगी ने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों से उन्होंने बात की जिन्होंने बताया है कि मामले में पहले अपील दायर की जाएगी और फिर वे वैकल्पिक प्रस्ताव देंगे। पीठ ने कहा कि RSS के वकील ऐसा नहीं कह रहे कि राज्य सरकार को अपील दायर करने का कोई अधिकार नहीं है. इस मामले में अगर प्रस्ताव भी दिया जाता तो बेहतर होता. साथ ही रोहतगी ने दलील दी है कि उत्तर भारत के प्रवासियों पर हमले को लेकर हाल ही में फ़र्ज़ी वीडियो के आधार पर कुछ गड़बड़ी भी हुई थी. इसे मुद्दे को करीब 10 दिन पहले ही सुलझा लिया गया है. इसलिए उन्होंने इस सूचीबद्ध अपील को भी 10 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अन्य अपील के साथ सम्बद्ध करने की मांग की.

 

27 मार्च को सुनवाई होगी सुनवाई.

बता दें, अब इस मामले में कोर्ट 27 मार्च को सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि तीन मार्च को तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह राज्य भर में पांच मार्च को RSS द्वारा किए जाने वाले रूट मार्च और जनसभाओं की अनुमति देने के पूरी तरह से विरोध में नहीं हैं. लेकिन हर गली और इलाके में इस मार्च के आयोजन को लेकर आपत्ति जताई गई है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि रूट मार्च से कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी।

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement