कनाडा और पंजाब का कनेक्शन… बहुत सारे लोग हो जाते है ठगी का शिकार

नई दिल्ली: पंजाब में घर और गाँव वीरान होते जा रहे हैं, यहाँ के तमाम नौजवान कनाडा जाकर नौकरी करना चाहते हैं, वहाँ जाने की चाहत इतनी ज्यादा है कि नौजवान अक्सर जल्द ही ठगी का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी ने इनमें से 700 युवाओं के डिपोर्ट […]

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कनाडा और पंजाब का कनेक्शन… बहुत सारे लोग हो जाते है ठगी का शिकार

Amisha Singh

  • March 16, 2023 4:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: पंजाब में घर और गाँव वीरान होते जा रहे हैं, यहाँ के तमाम नौजवान कनाडा जाकर नौकरी करना चाहते हैं, वहाँ जाने की चाहत इतनी ज्यादा है कि नौजवान अक्सर जल्द ही ठगी का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी ने इनमें से 700 युवाओं के डिपोर्ट की सूचना दी। इन युवकों के वीजा दस्तावेज फर्जी निकले। ये सभी 700 छात्र जालंधर से एजुकेशनल माइग्रेशन वीजा कंपनी के जरिए कनाडा आए थे। इसके लिए इन छात्रों के परिजनों ने काफी रकम भी अदा की थी।

 

एक रिपोर्ट के मुताबिक इन छात्रों से कनाडा की एक यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाने के नाम पर 16-20 लाख रुपए की ठगी की गई थी। बाद में उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि सभी जगह भर दी गई है, छह माह बाद प्रवेश मिलेगा। इन छात्रों को वहाँ डिप्लोमा कोर्स में दाखिला दिया गया था, जब उनके वीजा के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए थे।

कनाडा के शहरों में चार में से एक शख्स पंजाबी

पंजाब से ज़्यादातर युवा कनाडा जाते हैं, इसका बड़ा कारण कनाडा की उदारवादी नीतियाँ हैं। यहाँ की नागरिकता लेना आसान है। कनाडा में कैलगरी, ब्रैपटन, वैंकूवर जैसे 20 से ज्यादा शहर हैं जहाँ हर चौथा शख्स पंजाबी है। यहां के नागरिकता नियमों की बात करें तो कनाडा में अप्रवासी के तौर पर पाँच साल तक रहने वाला व्यक्ति वहाँ की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है, इस दौरान उसे लगातार कम से कम तीन साल तक देश में रहना होगा।

 

 

75% माता-पिता अपने बच्चों को भेजना चाहते हैं

पंजाब में 80 फीसदी युवा जो विदेश जाना चाहते हैं, वे सिर्फ कनाडा जाना चाहते हैं। एसोसिएशन ऑफ स्टडी अब्रॉड कंसल्टेंट्स की एक साल पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के 75% माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे विदेश में पढ़ाई करें। इसका बड़ा कारण पंजाब में बढ़ती बेरोजगारी और नशे की लत को माना जा रहा था। इन माता-पिता का मानना ​​है कि अगर बच्चा पंजाब में रहता है तो वह नशे की लत का शिकार हो सकता है।

 

विदेश में पढ़ाई: दूसरे नंबर पर पंजाब

पढ़ाई के लिए विदेश जाने की बात करें तो पंजाब देश में दूसरे नंबर पर है, चंडीगढ़ इस मामले में सबसे आगे है, जहाँ प्रति लाख की आबादी पर करीब 10150 लोग विदेश में हैं। यह आँकड़ा पंजाब में प्रति लाख आबादी पर 859 और दिल्ली में 825 है। अगर बात करें उस राज्य की जहाँ से विदेशों में कम युवा विदेश गए तो वो राज्य त्रिपुरा है जहाँ प्रति लाख में से महज़ 11 युवा ही विदेश गए थे। बात करें बिहार की तो वहाँ पर से हर एक लाख में से महज़ 13 लोग ही विदेश जा पाते हैं।

 

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