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शराब घोटाले के बाद मनीष सिसोदिया पर एक और केस, जासूसी कराने का लगा आरोप

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग यानी सीबीआई मनीष सिसोदिया पर कथित शराब घोटाला मामले में केस दर्ज किया था। इस मामले में मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में पहले से बंद है। ‘फीडबैक यूनिट’ में भ्रष्टाचार का नया […]

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शराब घोटाले के बाद मनीष सिसोदिया पर एक और केस, जासूसी कराने का लगा आरोप
  • March 16, 2023 2:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग यानी सीबीआई मनीष सिसोदिया पर कथित शराब घोटाला मामले में केस दर्ज किया था। इस मामले में मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में पहले से बंद है।

‘फीडबैक यूनिट’ में भ्रष्टाचार का नया मामला

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने मनीष सिसोदिया पर दोहरा शिकंजा कसा है। दरअसल मनीष सिसोदिया पर सीबीआई ने दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ में कथित अनियमिताताओं को लेकर भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया है।

विपक्ष की जासूसी करने का आरोप

सिसोदिया पर ये आरोप लगा है कि ये आम आदमी पार्टी के सरकार में साल 2015 में एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी। आरोप है कि इस यूनिट के माध्यम से कई लोगों की जासूसी की गई है। फीडबैक यूनिट ने मुख्य रूप से विपक्ष की जासूसी करवाई थी। वहीं इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई थी।

सिसोदिया ने जेल से लिखा था पत्र

मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से देश के नाम पत्र लिखा था, जिसका शीर्षक है – ‘शिक्षा, राजनीति और जेल।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में काम करते हुए बहुत बार ये सवाल मन में आता है कि देश और राज्य की सत्ता तक पहुंचे नेताओं ने देश के हरेक बच्चे के लिए शानदार स्कूल और कॉलेज का इंतजाम क्यूं नहीं किया?

एक बार अगर पूरे देश में पूरी राजनीति और तन-मन-धन से शिक्षा के काम में जुट गई होती तो आज हमारे देश के हर बच्चे के लिए विकसित देशों की तरह अच्छे से अच्छे स्कूल होते। सफल राजनीति ने फिर क्यूं शिक्षा को हमेशा हाशिए पर रखा? आज जब कुछ दिनों से मैं जेल में हूं तो इन सवालों के जवाब मुझे खुद मिल रहे हैं। मैं देख पा रहा हूं कि जब राजनीति में सफलता जेल भेजने से मिल रही है तो स्कूल चलाने से राजनीति की जरूरत भला कोई क्यूं महसूस करेगा।”

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