चंडीगढ़: ई-टेंडरिंग मामले पर हरियाणा सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. सरपंचों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि अब सरपंचों के पास ₹5 लाख रुपए तक का काम करवाने का अधिकार होगा. लेकिन उसके ऊपर का काम करवाने के लिए हरियाणा सरकार से ई-टेंडर जारी करवाना होगा. इसके अलावा […]
चंडीगढ़: ई-टेंडरिंग मामले पर हरियाणा सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. सरपंचों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि अब सरपंचों के पास ₹5 लाख रुपए तक का काम करवाने का अधिकार होगा. लेकिन उसके ऊपर का काम करवाने के लिए हरियाणा सरकार से ई-टेंडर जारी करवाना होगा. इसके अलावा अब हरियाणा सरकार ने सरपंचों का वेतन 3000 से बढ़ाकर 5000 प्रति माह कर दिया है. बता दें, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में यह ऐलान किया है.
बता दें, काफी समय से हरियाणा में ई-टेंडरिंग को लेकर विवाद चल रहा था जहां सरपंच अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए थे. दरअसल सरपंचों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने काम की लिमिट 2 लाख बढ़ा दी है. इसके ऊपर की राशि के लिए सरपंचों को ई-टेंडरिंग का सहारा लेना पड़ेगा. इसके अलावा जिला परिषद की भी शक्तियां बढ़ाई गई हैं और कार्यक्षेत्र का दायरा सरकार के द्वारा बढ़ा दिया गया है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने संबोधन के दौरान ऐलान किया कि यदि काम की गुणवत्ता में किसी तरह की खराबी आती है तो उसकी जिम्मेदारी अधिकारी की होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कोटेशन से काम होंगे उसकी गुणवत्ता की जिम्मेदारी सरपंचों की ही होगी. गुणवत्ता को लेकर हरियाणा सरकार किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सरपंचों को एक और बड़ा तोहफा देते हुए उनके अधिकार में बढ़ोत्तरी की है. अब ग्राम सचिव की ACR लिखने का अधिकार भी सरपंचों के पास होगा. मुख्यमंत्री खट्टर ने ऐलान किया कि ई-टेंडरिंग को लेकर विपक्ष केवल भ्रांतिया फैला रहा है जबकि इस व्यवस्था से कामों में पारदर्शिता आने वाली है।
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