नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के संबंध में कड़कड़डूमा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. जहां इन दंगों में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है. सभी आरोपियों पर एक समुदाय की संपत्ति को निशाना बनाने और जमकर हंगामा करने का आरोप था. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर जो आरोप […]
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के संबंध में कड़कड़डूमा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. जहां इन दंगों में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है. सभी आरोपियों पर एक समुदाय की संपत्ति को निशाना बनाने और जमकर हंगामा करने का आरोप था. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर जो आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से साबित होते हैं. यहां तक की एक समुदाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बवाल करने की बात कही गई है.
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपी एक झुंड का हिस्सा थे. यह झुंड पहले से सांप्रदायिक भावनाओं से भरा बैठा था, और इसका केवल एक ही उदेश्य था, हिंदू समुदाय की संपत्ति को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जाए. पुलिस द्वारा लगातार पीछे हटने की अपील करने के बाद भी इस झुंड ने अपने बवाल को जारी रखा. अब याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर कोर्ट ने ये टिप्पणी की है.
दरअसल रेखा शर्मा नाम की एक महिला ने आरोप लगाया था कि तीन साल पहले हुए दिल्ली दंगों में भीड़ ने उनके घर हमला बोल दिया था. इस दौरान उनके घर से सामान लूटा गया और ऊपर वाली मंजिल पर जो रूम थे उनमें आग तक लगा दी गई थी. इस दौरान पीड़िता के घर को भारी नुकसान हुआ. इसके बाद उसने कोर्ट का रुख करने का फैसला लिया. अब कोर्ट ने इस तबाही के लिए 9 लोगों को दोषी माना है. दिल्ली दंगों के इन नौ आरोपियों के नाम मोहम्मद शहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, फैजल और रशीद हैं.
पिछले साल दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों को लेकर चार्जशीट दायर की थी. इसमें कई चौका देने वाले खुलासे हुए थे. स्पेशल सेल की चार्जशीट में कहा गया था कि यह दंगे पहले से बने एक प्लान के तहत हुए थे. दरअसल ये दावा दंगों की तेजाबी साजिश को लेकर किया गया था जिसका इस्तेमाल व्यवस्था संभाल रहे दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर हमला करने के लिए दंगाइयों द्वारा उनपर किया गया था. इस रिपोर्ट में 22 फरवरी को चांद बाग में दंगों की साजिश के लिए हुई एक खुफिया मीटिंग का भी खुलासा किया गया था. स्पेशल सेल ने बताया था कि Aiyaz’s Basement में यह मीटिंग 22 फरवरी को हुई थी. इसमें अहतर खान, शादाब, सलीम और सुलेमान सिद्दकी शामिल थे जहां दिल्ली में कई जगह रोड ब्लॉक करने की बात कही गई थी.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद