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नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए रामचंद्र पौडेल, ओली समर्थित सुभाष चंद्र नेमबांग को हराया

नई दिल्ली। रामचंद्र पौडेल नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव में नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल ने प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेम्बवांग को बड़े अंतर से मात दी है। बता दें कि, रामचंद्र पौडेल को पीएम पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले आठ दलों के गठबंधन ने समर्थन दिया था। 18,282 वोटों से […]

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नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए रामचंद्र पौडेल, ओली समर्थित सुभाष चंद्र नेमबांग को हराया
  • March 9, 2023 7:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। रामचंद्र पौडेल नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव में नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल ने प्रतिद्वंद्वी सुभाष चंद्र नेम्बवांग को बड़े अंतर से मात दी है। बता दें कि, रामचंद्र पौडेल को पीएम पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले आठ दलों के गठबंधन ने समर्थन दिया था।

18,282 वोटों से दर्ज की बड़ी जीत

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बारे में जानकारी देते हुए आज नेपाल चुनाव आयुक्त ने बताया कि राम चंद्र पौडेल को 33,802 चुनावी वोट मिले, जबकि उनके विरोधी उम्मीदवार सुभाष चंद्र नेम्बवांग ने 15,518 वोट हासिल किए। इस तरह पौडेल ने राष्ट्रपति चुनाव में नेम्बवांग को 18,282 वोटों से मात दी। बता दें कि, चुनाव में शुरू से ही पौडेल का पलड़ा भारी माना जा रहा था, उन्हें सत्ता समर्थित 8 दलों ने समर्थन दिया था।

नेपाली कांग्रेस के बड़े नेता हैं पौडेल

राम चंद्र पौडेल नेपाली कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनका जन्म सितंबर 1944 में हुआ था। उन्होंने त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। 78 वर्षीय पौडेल कई दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने नेपाल के उप प्रधानमंत्री और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।

ओली पर भारी पड़ा प्रचंड गठबंधन

गौरतलब है कि, राम चंद्र पौडेल को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने को लेकर सत्ताधारी गठबंधन में खटास आ गई। राजनीतिक विवाद बढ़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। बता दें कि, संसद सदस्यों के लिहाज से सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। नेमबांग इसी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। लेकिन वह पौडेल जितना समर्थन नहीं हासिल कर सके। प्रचंड की अगुवाई वाला 8 दलों का गठबंधन ओली के उम्मीदवार पर भारी पड़ गया।

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