ढाका. दिवंगत नास्तिक लेखक और ब्लॉगर अविजीत राय के साथ काम करने वाले एक बांग्लादेशी प्रकाशक की अज्ञात हमलावरों ने गला काट कर हत्या कर दी. इससे कुछ ही समय पहले दो धर्मनिरपेक्ष ब्लागरों और राय के एक अन्य प्रकाशक पर अलग अलग घटनाओं में हमले किए गए थे.
मध्य ढाका के शाबाग इलाके में 43 वर्षीय फैसल अराफीन दिपान की एक इमारत में उनके तीसरे तल पर स्थित कार्यालय में हत्या कर दी गयी. इस इमारत के समीप ही कई महीनों तक जमात ए इस्लामी के नेताओं तथा 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के साथ सांठगांठ करने वाले अन्य कट्टरपंथियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए थे.
इस बीच, भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा की बांग्लादेश शाखा से जुड़े होने और खुद की पहचान अंसार अल इस्लाम के रूप में बताने वाले संगठन ने हमलों की जिम्मेदारी ली है. ट्विटर पर अंग्रेजी और बंगाली में पोस्ट किए गए संदेश में इसने कहा है , ‘‘हम, भारतीय उप महाद्वीप में अल कायदा, इस अभियान की जिम्मेदारी लेते हैं.’’
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘दीपान की कंधे पर लगे घावों के कारण मौत हो गयी.’’ बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नजरूल इस्लाम ने पीटीआई को बताया कि दीपान का गला काटा गया और उसने उसी समय दम तोड़ दिया. दीपान के पिता अबुल कासिम फजलुल हक ने कहा, ‘‘मैंने उसे खून से लथपथ औंधे मुंह पड़े देखा. वह मर चुका था.’’ हक खुद एक जाने माने विद्वान और लेखक हैं. उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हत्या में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध करने वालों का हाथ है. चश्मदीदों ने कहा कि उन्होंने सुपर मार्केट से भी गोलियों की आवाजें सुनीं.
इससे कुछ ही घंटे पहले अज्ञात हमलावरों ने दो धर्मनिरपेक्ष लेखकों और राय की किताबों के एक अन्य प्रकाशक पर हमला किया, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. पुलिस ने यह जानकारी दी. हमले की दोनों घटनाओं में एक चीज समान रूप से देखी गयी कि हमलावरों ने अपराध को अंजाम देने से पहले पीड़ितों को उनके कार्यालयों में बंद कर दिया. राय को यहां इस वर्ष 26 फरवरी को एक पुस्तक मेले के समीप मार डाला गया था. यह नास्तिक और धर्मनिरपेक्ष ब्लागरों पर हुए हमलों की कड़ी में पहला हमला था जिनमें अभी तक पांच लोग मारे जा चुके हैं .