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‘क्या गोमूत्र छिड़कने से हमारे देश को आजादी मिली थी?’ शिंदे-बीजेपी पर गरजे उद्धव

मुंबई: रविवार(5 फरवरी) को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रत्नागिरी में भाजपा और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कई बड़े बयान दिए जिसमें वह कहते हैं, ‘क्या गोमूत्र छिड़कने से हमारे देश को आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ कि गोमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? ऐसा नहीं […]

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‘क्या गोमूत्र छिड़कने से हमारे देश को आजादी मिली थी?’ शिंदे-बीजेपी पर गरजे उद्धव
  • March 5, 2023 9:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: रविवार(5 फरवरी) को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रत्नागिरी में भाजपा और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कई बड़े बयान दिए जिसमें वह कहते हैं, ‘क्या गोमूत्र छिड़कने से हमारे देश को आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ कि गोमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? ऐसा नहीं था, स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया तब हमें आजादी मिली।’ आइए जानते हैं क्या बोले उद्धव ठाकरे.

शिवसेना नहीं चुरा सकते

आगे महाराष्ट्र के पूर्व सीएम कहते हैं, ‘सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था.उन्होंने सरदार पटेल का नाम चुराया। इसी तरह, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया और बाला साहेब ठाकरे के साथ ऐसा ही किया। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मोदी के नाम पर वोट मांगें न कि शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की फोटो के आधार पर।’ जनसभा में उद्धव ठाकरे ने जनता से उन्हें समर्थन देने की मांग की. वह कहते हैं ‘आज मेरे पास कुछ नहीं है. लेकिन आप लोग हैं ये मेरे पूर्वजों का मेरे ऊपर आशीर्वाद ही है… मुझे आपके साथ की जरूरत है. आगे उद्धव ठाकरे कहते हैं, मैं गद्दारों से कहना चाहता हूं कि तुम नाम चुरा सकते हो… मेरा चिन्ह चुरा सकते हो लेकिन शिवसेना को नहीं चुरा सकते हो.’

 

चुनाव आयोग को भी घेरा

अपने इस संबोधन में उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को भी जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि यदि आपकी आंखों में मोतियाबिंद नहीं है तो आकर देख लो। यही असली शिवसेना है और ये चुनाव आयोग नहीं गुलाम है। चुनाव आयोग के पिता ने शिवसेना का गठन नहीं, मेरे पिता ने किया है. आगे उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग का फैसला हमें मंजूर नहीं हैं हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं. वो कहते थे कि कोरोना काल में मैं घर से बाहर नहीं निकला, मैं कैसे निकलता मुझे तो कोरोना था. लेकिन घर में बैठे हुए मैंने जो कर दिखाया वह मैं घर-घर जाकर नहीं कर पा रहा था. महाराष्ट्र डूबता जा रहा है लेकिन आप प्रचार करने में व्यस्त हैं.

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