गाजीपुर/वाराणसी. लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ केंद्र में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ नामक एक ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया, लेकिन लगभग 10 महीने बाद भी उनके अपने संसदीय क्षेत्र में ही यह अभियान परवान नहीं चढ़ […]
गाजीपुर/वाराणसी. लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ केंद्र में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ नामक एक ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया, लेकिन लगभग 10 महीने बाद भी उनके अपने संसदीय क्षेत्र में ही यह अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है. मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव का गृह जनपद गाजीपुर भी इस अभियान में फिसड्डी साबित हुआ है. इसके अलावा पांच जिलों में निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है. मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ की हकीकत उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के आंकड़े पर्याप्त हैं.
सूत्रों के अनुसार मासिक समीक्षा के अनुसार फरवरी के अंत तक केवल 4.5 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है. आंकड़ों के मुताबिक, मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गांवों में प्रस्तावित 13,813 शौचालयों में से 196 का निर्माण ही पूरा हो सका है. पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव के गृह जनपद गाजीपुर की प्रगति भी बेहद खराब है. यहां 58,316 शौचालयों को निर्माण होना था, लेकिन 275 शौचालय ही बन सके हैं.’नमामि गंगे’ परियोजना के लिए मोदी सरकार ने 2,037 करोड़ रुपये आवंटित किया था. इसके तहत ही पंचायती राज विभाग की ओर से गंगा किनारे बसे जिलों में शौचालयों का निर्माण कराया जाना था, लेकिन इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए विभाग की रफ्तार काफी धीमी है.
IANS