नई दिल्ली: बीते दिनों भगोड़े नित्यानंद का काल्पनिक देश कैलासा काफी चर्चा में रहा. दरअसल कैलासा की प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र की एक मीटिंग में देखा गया था. जिसके बाद मानो कोहराम मच गया. UN जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया दिखाई दी थी जिसने खुद को बतौर कैलासा की परमानेंट एम्बेसडर पेश […]
नई दिल्ली: बीते दिनों भगोड़े नित्यानंद का काल्पनिक देश कैलासा काफी चर्चा में रहा. दरअसल कैलासा की प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र की एक मीटिंग में देखा गया था. जिसके बाद मानो कोहराम मच गया. UN जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया दिखाई दी थी जिसने खुद को बतौर कैलासा की परमानेंट एम्बेसडर पेश किया. इस दौरान उसने भारत के खिलाफ कई सनसनीखेज आरोप भी लगाए थे. अब विजयप्रिया अपने बयान से पलटती नजर आ रही है. जहाँ एक और वीडीयो सामने आया है जिसमें विजयप्रिया भारत के खिलाफ दिए गए बयान से मुकरती हुई नजर आ रही है.
I would like to clarify that I stated that the SPH Bhagavan Nithyananda Paramashivam is persecuted in his birthplace by certain anti-Hindu elements.
The United States of KAILASA holds India in high regard and respects India as its Gurupeedam.
Thank you
Ma Vijayapriya Nithyananda pic.twitter.com/s5TYGJtSnM— KAILASA's SPH NITHYANANDA (@SriNithyananda) March 2, 2023
कैलासा की पर्मानेंट एम्बेसडर विजयप्रिया ने अब अपने बयान पर सफाई दी है. विजयप्रिया ने कहा, – यूनाइटिड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ भारत को ‘उच्च सम्मान’ देता है. आपके लिए ये बात जानना जरुरी है कि नित्यानंद पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई आरोपों में वांछित है. जहां वह हमेशा से अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करता रहा है. वह देश से साल 2019 में राष्ट्र ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा (यूएसके)’ की स्थापना की थी.
विजयप्रिया ने कहा है, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने कहा था कि एसपीएच भगवान नित्यानंद परमशिवम को उनके जन्मस्थान में कुछ हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा सताया जा रहा है. यूनाइटिड स्टेट ऑफ कैलासा भारत को उच्च सम्मान देता है और भारत को अपने गुरुपीडम के रूप में देखता है. धन्यवाद.’ वह आगे कहती है, ‘हम संयुक्त राष्ट्र में मेरे बयान के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी करना चाहते हैं, जिसे मीडिया के कुछ हिंदू विरोधी सेक्शन द्वारा जानबूझकर विकृत किया जा रहा है और गलत व्याख्या की जा रही है.’
नित्यानंद के अनुसार कैलासा एक हिंदू राष्ट्र है. ख़बरों की मानें तो ये देश दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में स्थित है. यहीँ पर भारत से भागने के लिए नित्यानंद ने अपने नाम पर एक बड़ी जमीन खरीदी और उसे अपना देश घोषित कर दिया था. यह भारत से करीब 17 हजार किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. इसकी आबादी को लेकर कैलासा की वेबसाइट पर अजीब सा दावा किया जाता है जिसके अनुसार हिंदू धर्म को मानने वाले 200 करोड़ लोग इस कथित देश में रहते हैं. जिनमें से 1 करोड़ लोग आदि शिव को मानने वाले हैं.
इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र में विजयप्रिया ने दावा किया था कि कैलासा में 20 लाख अप्रवासी हिंदू रह रहे हैं. दावा किया गया है कि कैलासा ने 150 देशों में एम्बेसी और एनजीओ खोले हैं. साथ ही इस देश का एकमात्र धर्म हिंदू है और यहां संस्कृत, तमिल और अंग्रेजी भाषाएं चलती हैं. कैलासा की प्रतिनिधि ने UN में दावा किया कि यहां शास्त्रों और मनुस्मृति पर आधारित कानून चलते हैं. लोग यहां मनु के नियमों को मानते हैं. कैलासा की सरकार जरूरी और आधिकारिक धर्म शास्त्र (हिंदू कानून की पुस्तक) के जरिए ही इस कथित देश में कानून और नियम चलाती है.
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