नई दिल्ली: जीव-जंतु से लेकर इंसान तक के लिए पानी के बिना जीना संभव नहीं है. रोजमर्रा की जरूरत से लेकर उद्योग तक पानी के बिना एक पल नहीं चल सकते हैं. कुदरत की बनाई इस धरती का बड़ा हिस्सा समुंद्र से घिरा हुआ है लेकिन माल्टा के तटों पर समुंद्री के पानी का घटता […]
नई दिल्ली: जीव-जंतु से लेकर इंसान तक के लिए पानी के बिना जीना संभव नहीं है. रोजमर्रा की जरूरत से लेकर उद्योग तक पानी के बिना एक पल नहीं चल सकते हैं. कुदरत की बनाई इस धरती का बड़ा हिस्सा समुंद्र से घिरा हुआ है लेकिन माल्टा के तटों पर समुंद्री के पानी का घटता स्तर चिंता का विषय बनता जा रहा है, माल्टा, गोजो के तटों पर पानी की कमी को देखी गई है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अब तक करीब 50 सेंटीमीटर पानी का स्तर कम हुआ है. पानी इतना कम हो गया है कि बीच लंबे होने के साथ उनकी ऊंचाई भी बढ़ गई है, इतना ही नहीं, समुंद्र के अंदर स्थित चट्टानें और शैवाल भी दिखाई देने लगे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समुंद्र पानी का स्तर वार्षिक औसत के हिसाब से यह एक बड़ा रिकॉर्ड गिरावट है, अब तक वार्षिक औसत 15 सेंटीमीटर तक गिरावट दर्ज की जाती थी. मार्च के समय में समुंद्र जल का स्तर सबसे कम होता है, जबकि नवंबर में पानी का स्तर सबसे अधिक होता है. हालांकि समुंद्र पानी में बदलाव संभव है, आपको बता दें कि इससे पहले भी अक्टूबर 1992 और मार्च 1993 के बीच 40 फ़ीसदी का अंतर दर्ज किया गया था।
हालांकि वैज्ञानिक इस गिरावट को ऐतिहासिक तो मानते हैं लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, कुछ दिनों में समुंद्र का पानी स्तर फिर से सामान्य हो जाएगा।
माल्टा कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी में समुंद्र विज्ञान के प्रोफेसर एल्डो ड्रैगो के अनुसार धरती में कुछ परिवर्तन हो रहे हैं जिसके कारण ये सब हो रहा है. ड्रैगो कहते हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है, समुंद्र का जल स्तर फिर से सामान्य अवस्था में लौट आएगा।
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