देहरादून: पिछले 2 दिन में बदरीनाथ और केदारनाथ की तीर्थयात्रा के लिए 60000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करावाया है. अप्रैल में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में इस साल पंजीकरण का रिकॉर्ड टूट सकता है. बता दें, बदरीनाथ के कपाट इस साल 27 अप्रैल को खुलेंगे। और केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को खुलने […]
देहरादून: पिछले 2 दिन में बदरीनाथ और केदारनाथ की तीर्थयात्रा के लिए 60000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करावाया है. अप्रैल में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में इस साल पंजीकरण का रिकॉर्ड टूट सकता है. बता दें, बदरीनाथ के कपाट इस साल 27 अप्रैल को खुलेंगे। और केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को खुलने वाले हैं.
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक योगेंद्र गंगवार ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन दोनों धामों के लिए मंगलवार को शुरू हो गया था. अब तक पहले दो दिनों में ही 61,250 लोग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार दो साल के बाद पिछले साल जब चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी तब भी रिकॉर्ड तोड़ रेजिस्ट्रेशन हुए थे. कोविड-19 के बाद पिछले साल पूरी तरह से शुरू हुई चारधाम यात्रा में 47 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया था. लेकिन इस साल इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है.
अजेंद्र ने आगे बताया कि, ‘यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के शुरूआती रूझानों को अगर संकेत की तरह लिया जाए तो इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होने वाली है.’ जब जोशीमठ भूधंसाव संकट के प्रभाव के बारे में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि राज्य सरकार ने सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के संचालन के लिए जरूरी कदम उठाए हैं. नगर में सीमा सड़क संगठन की एक टीम नियमित रूप से तैनात की गई है. वहां डिजास्टर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इसके अलावा भी कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं.
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष आगे कहते हैं कि पहाड़ों में वैसे भी भूस्खलन और भूधंसाव जैसी समस्याएं सामान्य होती हैं. इन समस्याओं का समाधान उसी समय कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक घबराहट पैदा कर रहे हैं. दूसरी ओर गंगवार ने कहा कि पहली बार तीर्थयात्रा में क्यूआर कोड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के मोबाइल फोन पर उससे संबंधित क्यूआर कोड भेजा जाएगा। इसी कोड के आधार पर उसे मंदिर का टोकन मिलेगा.
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