अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द होने के बाद अब मतदाता सूची से काटा गया नाम

लखनऊ। मुरादाबाद कोर्ट से दो साल की सजा सुनाए जाने के चार दिन बाद अब्दुल्ला आजम को वोट देने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है। रामपुर विधानसभा सीट के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निरंकार सिंह ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम – 1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनका नाम वोटर लिस्ट से […]

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अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द होने के बाद अब मतदाता सूची से काटा गया नाम

Vikas Rana

  • February 18, 2023 7:50 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। मुरादाबाद कोर्ट से दो साल की सजा सुनाए जाने के चार दिन बाद अब्दुल्ला आजम को वोट देने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है। रामपुर विधानसभा सीट के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निरंकार सिंह ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम – 1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।

मतदाता सूची से काटा नाम

मुरादाबाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले दिनों छजलैट मामले में आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट से सजा मिलने के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी छिन ली गई , जिस कारण स्वार विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। जिसके बाद भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने गुरुवार को रामपुर विधानसभा सीट के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को पत्र भेजकर सजायाफ्ता होने की स्थिति में अब्दुल्ला आजम का नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग की थी। इससे पहले 17 नवंबर को आजम खां का नाम मतदाता सूची से  से काट दिया गया था।

निरंकार सिंह का बयान

मामले पर एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने बताया कि कोर्ट का आदेश आने के बाद आदेशानुसार शहर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या-4 पर मतदाता क्रमांक नंबर 336 पर स्थित घेर मीरबाज खां, टंकी नंबर पांच निवासी मोहम्मद अब्दुल्ला आजम का नाम वोटर लिस्ट से काटने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

2008 का है पूरा मामला

बता दें, ये पूरा मामला साल 2008 का है जिसमें आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को दोषी करार करते हुए सजा सुनाई गई है। दरअसल 29 जनवरी 2008 के दिन छजलैट पुलिस ने सपा के पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां की कार को चेकिंग के लिए रोका था। इस कार्रवाई से आजम खान नाराज़ होकर बीच सड़क पर बैठ गए थे। जिसके बाद उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के अलावा भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था। अब कोर्ट ने इसी मामले में उन्हें दोषी ठहराया है।

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