मुंबई: शिवसेना के चिन्ह और नाम को लेकर EC के फैसले के बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आता दिख रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हक़ में ये फैसला सुनाया गया है. शिंदे गुट ने अब शिवसेना का नाम और चिन्ह छीन लिया है. इसी कड़ी में सीएम शिंदे ने इस फैसले को […]
मुंबई: शिवसेना के चिन्ह और नाम को लेकर EC के फैसले के बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आता दिख रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हक़ में ये फैसला सुनाया गया है. शिंदे गुट ने अब शिवसेना का नाम और चिन्ह छीन लिया है. इसी कड़ी में सीएम शिंदे ने इस फैसले को लोकतंत्र की जीत करार दिया है. दूसरी ओर उद्धव गुट में लगातार फैसले को लेकर असंतुष्टि दिखाई दे रही है. निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद शुक्रवार (17 फरवरी, 2023) शाम को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बता दिया है कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने इस फैसले को लोकतंत्र के लिए घातक भी बताया. उनके शब्दों में, केंद्र सरकार की दादागिरी चल रही है. यह निर्णय बहुत ही अनअपेक्षित है. अब हमारी यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में जाएगी। वह आगे कहते हैं कि ‘मैंने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं होता, तब तक चुनाव आयोग यह फैसला न दे. पार्टी किसकी है, किसकी नहीं यह अगर चुनकर आए लोगों के आधार पर ही होगा तो पार्टी संगठन का क्या होगा।
ठाकरे ने आगे शिंदे गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों को राज्य मान्यता मिलना, उनके लिए बहुत बड़ी बात होगी। लेकिन चोर-चोर ही होता है और मैं उन्हें लगातार मैदान में आकर चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहा हूं. आज हुए इस निर्णय से यह लग रहा है कि अगले दो महीने में BMC के चुनाव हो सकते हैं। मुंबई और महाराष्ट्र दिल्ली के सामने झुके यह निर्णय यही दिखाता है. हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उद्धव ठाकरे आगे कहते हैं कि असली धनुष-बाण मेरे पास है और रहेगा।
आगे ठाकरे ने दावा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जीत हमारी ही होगी. उन्होंने आगे बड़ा बयान देते हुए कहा कि पार्टी की चोरी शिंदे को हजम नहीं होगी। आने वाले चुनाव में जनता चुप नहीं होगी। 24 में यह फैसला चुनाव आयोग ने कैसे दे दिया। आखिरी तक हम ये लड़ाई लड़ेंगे,जीत हमारी होगी। आगे ठाकरे कहते हैं कि ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। जिसने बाला साहबे ठाकरे का मुखौटा पहन लिया है, वो कभी भी सच्चा शिनसैनिक नहीं हो सकता।’
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद