गाजीपुरः मंगलवार को गैंगेस्टर के एक मामले में BSP सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर की गैंगेस्टर कोर्ट पेश हुए. सुनवाई के बाद जब वह कोर्ट से बाहर निकले तो उन्हें पत्रकारों ने घेर लिया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात की. उन्होंने पत्रकारों को बताया ‘आज गैंगेस्टर केस में तारीख थीऔर कोर्ट की अगली तारीख 16 […]
गाजीपुरः मंगलवार को गैंगेस्टर के एक मामले में BSP सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर की गैंगेस्टर कोर्ट पेश हुए. सुनवाई के बाद जब वह कोर्ट से बाहर निकले तो उन्हें पत्रकारों ने घेर लिया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात की. उन्होंने पत्रकारों को बताया ‘आज गैंगेस्टर केस में तारीख थीऔर कोर्ट की अगली तारीख 16 फरवरी के दिन पड़ी है.’
सांसद अफजाल अंसारी ने पत्रकारों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था है कि एमपी-एमएलए के मामलों में त्वरित सुनवाई हो. इस कारण जल्दी-जल्दी सुनवाई हो रही है. दरअसल मऊ सदर से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे और वर्तमान में मऊ सीट से निर्वाचित विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत को चित्रकूट को जेल में गिरफ्तार कर लिया गया था.
निकहत अंसारी को ज्यूडिशल कस्टडी में भेजा जा चुका है. निकहत बानो पर जेल में अपने पति अब्बास अंसारी से मुलाकात के दौरान नियमों की अनदेखी करने का आरोप है.इस बीच गाजीपुर के BSP सांसद और अब्बास अंसारी के रिश्ते में चाचा अफजाल अंसारी का बयान आया है. उन्होंने बहू निकहत बानो के पक्ष में बयान देते हुए प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठाया है.
सांसद अफजाल अंसारी ने पत्रकारों से कहा कि ‘ये एक नया सिलसिला शुरू हो गया है. चित्रकूट केस डायरी में साजिश के तहत सबकुछ लिखा गया है. अपने पति अब्बास से मिलने गई थी ये बात सही है. लेकिन ये रजिस्टर, जेल प्रशासन का है, ऐसे में रजिस्टर पर नाम क्यों नहीं था इसका जवाब उनके पास नहीं है. निकहत के गले में महिला होने के नाते चेन, कंगन वगैरह पहन रखा था, जिसे दूसरे तरीके से प्रस्तुत किया गया. एक बच्चे की देखरेख के लिए निकहत के साथ एक सहायक महिला भी गेट पर खड़ी थी. उनका बच्चा महिला के गोद में था. निकहत का लेडीज पर्स भी उसी महिला के साथ था.
उन्होंने आगे सवालिया अंदाज़ में कहा कि अगर कोई व्यक्ति जेल में बंद है तो कोई उससे मिलने नहीं जा सकता? कोरोना काल जेल में मुलाकातियों का आना जाना बंद कर दिया गया था. लेकिन फिलहाल नियम के अनुसार विचाराधीन कैदी जेल में है तो सप्ताह में 3 दिन परिजन उससे मिल सकते हैं. उसका वकील भी जेल में उससे मिल सकता है, उसका कोई कानूनी सलाहकार भी उसे मुलाकात कर सकता है. ऐसा भी हुआ है कि कई नेता लोग जेल में मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बाद भी मऊ सदर सीट से जीत हासिल की है. इस बात से BJP डरी हुई है.
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