नई दिल्ली। एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा है। जामा जर्नल में दो हालिया स्टडीज के अनुसार , लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर आपको डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है , यानी वायु प्रदूषण आपकी मेंटल हेल्थ को खराब कर रहा है। ट्रैफिक, पावर प्लांट […]
नई दिल्ली। एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा है। जामा जर्नल में दो हालिया स्टडीज के अनुसार , लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर आपको डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है , यानी वायु प्रदूषण आपकी मेंटल हेल्थ को खराब कर रहा है।
बता दें , जिन दूषित कणों के कारण लोगों में डिप्रेशन देखने को मिल रहा है, उनमें ट्रैफिक से निकालने वाला प्रदूषण, धूल, धुआं, नाइट्रोजन डाई-ऑक्साइड, पावर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण आदि भी शामिल है। रिसर्चर्स की माने तो युवाओं में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। एयर पॉल्यूशन से उनकी मेमोरी कमजोर हो रही है और शारीरिक बीमारी होने और मौत तक का खतरा बढ़ सकता है।
पहली स्टडी में ब्रिटेन और चीन के 3 लाख 90 हजार लोगों को शामिल किया गया था। बता दें , इनकी सेहत को 11 साल तक मॉनिटर किया गया था और वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्रिटेन में एयर क्वालिटी खराब होने पर लोगों में डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षण बढ़ रहे है। यानी बढ़ती उम्र के साथ लोगों को खराब हवा से मेंटल डिसऑर्डर्स का रिस्क बढ़ा देती है।
दूसरी रिसर्च में 64 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को शामिल किया गया है । ये सभी अमेरिका के रहने वाले थे और रिसर्चर्स के अनुसार 2005 से 2016 के बीच में 90 लाख में से 15.2 लाख बुजुर्गों में डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिले है। ऐसा लंबे समय तक जहरीली हवा में रहने से हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों में एक उम्र के बाद ये लक्षण देखने को मिल सकते है।
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