नई दिल्ली: साल 2023 में महंगाई के मोर्चे पर सरकार को पहला बड़ा झटका लगा है. पिछले साल दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर गिरकर 6 फीसदी से नीचे पहुंच गई थी. आने वाले समय में इस महंगाई से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन जनवरी में भी महंगाई दर तेजी से […]
नई दिल्ली: साल 2023 में महंगाई के मोर्चे पर सरकार को पहला बड़ा झटका लगा है. पिछले साल दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर गिरकर 6 फीसदी से नीचे पहुंच गई थी. आने वाले समय में इस महंगाई से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन जनवरी में भी महंगाई दर तेजी से गिर गई है. साल के पहले ही महीने यानी जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर एक फिर 6 फीसदी के पार निकल गई है.
हालांकि दिसंबर 2022 में गिरावट के बाद जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर ने छलांग लगाई है. साल के पहले महीने में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही, जबकि दिसंबर 2022 में ये दर 5.72 फीसदी थी. बता दें, देश के औद्योगिक उत्पादन (IIP) के आंकड़े में भी गिरावट आई है. ये दिसंबर 2022 में घटकर 4.3 फीसद रह गई. औद्योगिक उत्पादन पिछले साल नवंबर में 7.3 प्रतिशत बढ़ा था.
दिसंबर 2022 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित महंगाई दर 5.72 प्रतिशत रही. जनवरी 2022 में यह दर 6.01 प्रतिशत थी. केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 2 प्रतिशत कम या ज्यादा मार्जिन के साथ खुदरा मंहगाई दर 4 प्रतिशत पर बनी रहे. फूड बास्केट की महंगाई की वजह से आंकड़े में बढ़ोतरी देखने को मिली. दिसंबर में 4.19 प्रतिशत से बढ़कर महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत हो गई है.
बता दें, फूड बास्केट की महंगाई में इज़ाफ़ा खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों से जुड़ा हुआ है. इसी कड़ी में जनवरी में दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 8.79 फीसदी रही है. दालों के दाम भी बढे हैं जहां इसकी महंगाई दर 21.09 फीसदी रही है. वहीं सब्जियों की महंगाई दर नेगेटिव में है. सब्ज़ियों की महंगाई -11.70 फीसदी रही है. अनाज और दूध की कीमतों में वृद्धि लगातार जारी है जो सीधा आम आदमी की जेब पर लगती है.
मॉनिटरी पॉलिसी समिति (MPC) की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया था कि FY23 में महंगाई 6.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है.
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