अमरावती: एक कहावत है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने कामों के प्रति समर्पित रहता है. आंध्र प्रदेश के शेख अब्दुल सथार ने इसे सच साबित कर दिखाया है. इस युवक की इच्छाशक्ति ने जोमैटो और स्विग्गी के डिलीवरी बॉय के रूप में सालों तक काम करने के बाद बेंगलुरु में एक आईटी […]
अमरावती: एक कहावत है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने कामों के प्रति समर्पित रहता है. आंध्र प्रदेश के शेख अब्दुल सथार ने इसे सच साबित कर दिखाया है. इस युवक की इच्छाशक्ति ने जोमैटो और स्विग्गी के डिलीवरी बॉय के रूप में सालों तक काम करने के बाद बेंगलुरु में एक आईटी इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित किया।
हम उस युवक की बात कर रहे हैं जिसने शुरुआत में जोमैटो, स्विग्गी और ओला जैसी कंपनी में काम किया ताकि फैमिली को फाइनेंशियल हेल्प मिल सके. आपको बता दें कि दोस्त की सलाह पर शेख अब्दुल सथार ने कोडिंग कोर्स में एडमिशन लिया और उस समय वो शाम 6 बजे से 12 बजे तक डिलीवरी बॉय के रूप में काम करने के लिए जाता था और बाकी समय पढ़ने में देते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद सथार ने एक वेब एप्लिकेशन बनाया और कुछ अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम किया।
इसके बाद उसने NxtWave में कोडिंग स्किल डिवेलप किया और Probe Information Services Pvt Ltd में इंटरव्यू क्रैक करने में सफल रहा, जहां उसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में रखा गया. सालों की कड़ी मेहनत के बाद सथार कुछ महीनों के वेतन से अपने माता-पिता का कर्ज चुकाने में सक्षम हैं. सथार के लिंक्डइन डेटा के मुताबिक वह JavaScript, Python, SQL और Node.js में निपुण है, अब वह फुल-स्टैक डेवलपमेंट सीख रहे है।
अपने फैमिली बैकग्राउंड और करियर विजन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए सथार ने लिखा कि, मैं जितनी जल्दी हो सके आर्थिक रूप से योगदान देना चाहता था, क्योंकि मेरे पिता संविदा कर्मचारी हैं. इसलिए हमारे घर में बस इतना ही पैसा था कि हम गुजारा कर सकें. मैं बचपन में बहुत शर्मीला था, लेकिन एक डिलीवरी बॉय होने के नाते अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा. सथार अपनी कम्युनिकेशन स्किल का क्रेडिट डिलीवरी एजेंट के रूप में अपनी नौकरी को देते हैं.
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