रांची. आरएसएस ने अवार्ड वापसी अभियान पर कहा है कि पुरस्कार लौटाने वाला ‘गैंग’ वास्तव में हताश, निराश और समाज से उपेक्षित बुद्धिजीवियों का गिरोह है जिनके विचार लोगों ने सुनने बंद कर दिए हैं और वह अपनी राजनीतिक दुकान चलाने और चर्चा में रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
आरएसएस के दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जो लोग साठ सालों से देश में असहिष्णुता का नंगा नाच कर रहे थे वो अब षड्यंत्र कर रहे हैं. वो संघ और बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह मोदी सरकार और संघ को बिना किसी कारण घेरने की राजनीतिक साजिश है जिसमें ये मुट्ठी भर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग पुरस्कार लौटाने की राजनीति कर सफल नहीं हो सकते.