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Explainer: आखिर कैसे निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जासूसी गुब्बारे!

नई दिल्ली: Spy Balloon: स्पाई बैलून को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दरअसल, अमेरिका ने अपने हवाई इलाके में उड़ रहे जासूसी गुब्बारे को देखा। अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। वहीं, अमेरिका ने चीन पर जासूसी के लिए इनका इस्तेमाल करने का आरोप […]

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Explainer: आखिर कैसे निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जासूसी गुब्बारे!
  • February 8, 2023 4:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: Spy Balloon: स्पाई बैलून को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दरअसल, अमेरिका ने अपने हवाई इलाके में उड़ रहे जासूसी गुब्बारे को देखा। अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। वहीं, अमेरिका ने चीन पर जासूसी के लिए इनका इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। वहीं, चीन ने सफाई दी कि यह वेदर बैलून था यानी कि मौसम निगरानी गुब्‍बारा था, जो हवा में खो गया था। हालाँकि चीन यहीं नहीं रुका और उसने अमेरिका से बदला लेने की चेतावनी भी दी। इस तनाव के बीच क्या आप जानते हैं कि आखिर क्या होते हैं ये जासूसी के गुब्बारे? वे कैसे काम करते हैं और उनका इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

क्या है जासूसी गुब्बारा

आपको बता दें, जासूसी गुब्बारों को निगरानी गुब्बारे भी कहा जाता है। निगरानी गुब्बारों का जासूसी का एक लंबा इतिहास रहा है। जानकारों का कहना है कि आज के दौर में भी निगरानी गुब्बारों के इस्तेमाल से कई फायदे मिलते हैं। उनका कहना है कि पुराने जमाने की इस चीज का अब भी सर्विलांस के लिए काफी इस्तेमाल किया जाता है। बता दें, यह गुब्बरा आकार में बहुत बड़ा है। सीधी भाषा में समझें तो इसका आकार 8 गाड़ियों से भी ज्यादा है। ये गुब्बारे काफी ऊँचाई से उड़ान भरकर निगरानी करते हैं।

 

जासूसी गुब्बारे कैसे बनते हैं?

मिली जानकारी के मुताबिक, निगरानी गुब्बारों में हीलियम और हाइड्रोजन गैस होती है। इन गैसों के कारण यह गुब्बारा अधिक ऊँचाई पर उड़ सकता है। साफ़ तस्वीरों और वीडियो के लिए जासूसी गुब्बारे में हाई-रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरे और सेंसर समेत कई हाईटेक इक्‍वीपमेंट फिट किए जाते हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक लॉन्च किए गए चीनी जासूसी गुब्बारे पर प्रोपेलर भी लगाए गए थे। इसका मतलब है कि यह बलून कमांड पर दिशा जो बदल सकता है।

 

जासूसी गुब्‍बारे का इस्‍तेमाल क्‍यों?

बता दें, सैटेलाइट के ज़माने में लोगों को जासूसी गुब्बारों का प्रयोग अजीब लग सकता है। इस पर यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग साइंस के प्रोफेसर इयान बॉयड का कहना है कि आधुनिक निगरानी गुब्बारों में हाईटेक इक्‍वीपमेंट लगाए जाते हैं. क्योंकि वे इतनी ऊँचाई परहोते हैं, वे बिना देखे ही कड़ी निगरानी रख सकते हैं।

 

ऐसे करता है निगरानी

आपको बता दें, इन गुब्बारों का ज्‍यादातर इस्तेमाल मौसम को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में विदेशी इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए भी कर रहे हैं। इन बलून को गाइडिंग एपरेटस के ज़रिए तय रूट पर भी लाया जा सकता है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि जासूसी गुब्बारे व्यावसायिक विमानों, लड़ाकू विमानों और कभी-कभी जासूसी विमानों की तुलना में बेहतर निगरानी कर सकते हैं।

 

चीन ने क्‍यों भेजा जासूसी गुब्‍बारा?

बताया गया कि निगरानी गुब्बारे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल लेने में भी सक्षम हो सकते हैं। अगर कोई चाहे तो जासूसी गुब्बारों का इस्तेमाल संचार को बाधित करने के लिए भी किया जा सकता है। चीन की तरफ़ से भेजे गए स्पाई बैलून पर ऐसे हाई-टेक उपकरण भी फिट हो सकते हैं, जिसकी मदद से वह पता लगा सके कि गुब्बारे को फँसाने के लिए किन सिग्‍नल्‍स का इस्तेमाल किया गया था। इससे चीन को अमेरिकी राडार क्षमताओं के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकती है। ऐसे में युद्ध की स्थिति में यह जानकारी किसी भी देश के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है।

 

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