नई दिल्ली: पिछले महीने नेपाल में हुए भयानक प्लेन हादसे में क्रू-मेंबर्स समेत 60 से ज्यादा यात्रियों ने जान गवाई थी. हादसा इतना भीषण था कि कोई भी यात्री जीवित नहीं बचा. पिछले महीने हुए इस बड़े विमान हादसे को लेकर अभी भी जांच चल रही है. जहां विमान हादसे के कारणों का पता लगाया […]
नई दिल्ली: पिछले महीने नेपाल में हुए भयानक प्लेन हादसे में क्रू-मेंबर्स समेत 60 से ज्यादा यात्रियों ने जान गवाई थी. हादसा इतना भीषण था कि कोई भी यात्री जीवित नहीं बचा. पिछले महीने हुए इस बड़े विमान हादसे को लेकर अभी भी जांच चल रही है. जहां विमान हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में अब जांच समिति के हाथ बड़ी उपलब्धि लगी है.
बता दें, नेपाल विमान हादसे की जांच के लिए अलग से जाँच समिति बनाई गई थी. अब इस जांच समिति ने जो रिपोर्ट जारी की है उसमें चौका देने वाला खुलासा हुआ है. येति एयरलाइंस के एटीआर-72 विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर को चेक करने पर समिति के हाथ बहुत ही अहम सबूत लगा है. जो बताता है कि आखिर ये हादसा क्यों हुआ था. रिपोर्ट में पता चला है कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह उसके इंजन में समस्या रही होगी. गौरतलब है कि 15 जनवरी को पोखरा में विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. येति एयरलाइन का ये विमान एयरपोर्ट पर लैंड होना था, लेकिन उससे कुछ ही सेकंड पहले वह नीचे जा गिरा था.
विमान पहाड़ी की चोटी से टकराया और ये विमान दुर्घटना हुई थी. विमान में इस दौरान आग लगी गई थी. विमान में लगी इस आग में बहुत-से यात्री जिंदा जल गए जहां राहत बचाव के लिए गई टीम के हाथ केवल शव मिले थे. विमान हादसा इतना भीषण था कि कुछ लोगों के शव भी बरामद नहीं हुए थे. बता दें, इस हादसे के समय विमान में 68 यात्रियों और चालकदल के चार सदस्यों समेत कुल 72 लोग सवार थे. इस दौरान पांच भारतीयों की भी मौत हो गई थी. इस हादसे में इनमें से कोई जिंदा नहीं बच पाया था. बाद में नेपाल सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी.
पोखरा एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर हुए इस हादसे को नेपाल में कई सालों का सबसे बड़ा विमान हादसा माना गया था. 15 जनवरी रविवार सुबह लगभग 11 बजे इसी विमान में आग लग गई थी. लैंडिंग के समय विमान खाई में जा गिरा. नेपाल की सेना ने एक बयान में बताया गया है कि 72 सीटर विमान पोखरा एयरपोर्ट के रनवे पर लैंड करने से महज 10-20 सेकंड पहले ही क्रैश हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे से पहले विमान के कॉकपिट से खतरे का कोई संकेत नहीं आया था. शुरुआती जांच में इस हादसे की वजह तकनीकी खराबी को माना गया है.
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