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तेजी से बढ़े भारतीय मतदाता, 1951 के बाद आबादी में आया 6 गुना उछाल

नई दिल्ली : भारत में 1951 के बाद से वोटरों की कुल संख्या में लगभग 6 गुना की वृद्धि हुई है. 6 गुना वृद्धि के साथ वोटरों की संख्या इस वर्ष 94.50 करोड़ से अधिक हो गई है. लेकिन इसमें ये भी तथ्य है कि एक तिहाई लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट […]

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तेजी से बढ़े भारतीय मतदाता, 1951 के बाद आबादी में आया 6 गुना उछाल
  • February 5, 2023 8:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : भारत में 1951 के बाद से वोटरों की कुल संख्या में लगभग 6 गुना की वृद्धि हुई है. 6 गुना वृद्धि के साथ वोटरों की संख्या इस वर्ष 94.50 करोड़ से अधिक हो गई है. लेकिन इसमें ये भी तथ्य है कि एक तिहाई लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डाला था. 1951 में जब पहला चुनाव हुआ था तो उसके लिए मतदाता सूची तैयार की गई थी. उसमें 17.32 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे.

1951 में 46.57 प्रतिशत लोगों ने दिया था वोट

पहले लोकसभा चुनाव में केवल 45.67 प्रतिशत लोगों ने ही मतदान किया था. पिछले कुछ सालों से भारत में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में वृद्ध हो रही है. इसके साथ ही चुनावों में वोट प्रतिशत भी बढ़ रहा है. 1957 के आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या 19.37 करोड़ थी. वहीं 47.74 प्रतिशत लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था.

चुनाव आयोग ने उठाया मुद्दा

चुनाव आयोग लगातार प्रयास कर रहा है कि चुनावों में वोटिंग प्रतिशत बढ़े. समय-समय पर चुनाव आयोग लोगों को जागरूक करता रहता है. मतदान को 75 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एक तिहाई मतदाता चुनाव में हिस्सा नहीं लिए थे. 30 करोड़ मतदाता जो अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किए थे उसमें अधिकतर शहरी क्षेत्र और प्रवासी शामिल थे. हाल ही में हुए गुजरात और हिमचाल प्रदेश में चुनाव आयोग ने शहरी उदासीनता की ओर इशारा किया है.

रिमोट वोंटिग तकनीक हो सकती है लागू

चुनाव आयोग लगातार प्रयास कर रहा है कि चुनावों में वोंटिग प्रतिशत को बढ़ाया जाए इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है. चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में तो रहता है लेकिन वहां न होने की वजह से वोट नहीं डाल पाते है. इन ही सब कारणों से चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग तकनीक का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक सहमति भी जरूरी है. अगर राजनीतिक सहमति बन जाएगी तो रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लागू करने के लिए विधायी ढांचे में बदलाव किया जाएगा.

 

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