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Pakistan Crisis: IMF की शर्तों पर छलका पीएम शाहबाज़ का दर्द, घुटने टेकने को मजबूर

नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अब डिफॉल्ट होने की कगार पर है. इस स्थिति से बचने के लिए अब उसके पास केवल एक ही रास्ता है. जहाँ वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से ही इस स्थिति से बाहर निकल सकता है. पाक इस समय IMF से बेलआउट पैकेज पर बात कर […]

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Pakistan Crisis: IMF की शर्तों पर छलका पीएम शाहबाज़ का दर्द, घुटने टेकने को मजबूर
  • February 3, 2023 7:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अब डिफॉल्ट होने की कगार पर है. इस स्थिति से बचने के लिए अब उसके पास केवल एक ही रास्ता है. जहाँ वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से ही इस स्थिति से बाहर निकल सकता है. पाक इस समय IMF से बेलआउट पैकेज पर बात कर रहा है. हालांकि IMF की कठिन शर्तों से उसकी हालत खराब हो गई है. पकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने शुक्रवार को पकिस्तान की स्थिति को कल्पना से परे बताया है.

नौंवी समीक्षा बैठक

शुक्रवार(3 फरवरी) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश के वित्त मंत्री इशाक डार और उनकी टीम इस समय जिस स्थिति से गुजर रहे हैं कोई भी इस बात की कल्पना नहीं कर सकता है. गौरतलब है कि इस हफ्ते मंगलवार को IMF की एक टीम पकिस्तान पहुंची थी. इस दौरान IMF
पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम में शामिल करने के लिए नौंवी समीक्षा बैठक कर रही है. 9 फरवरी तक यह टीम पाकिस्तान के वित्त मंत्री और उनकी टीम से प्रोग्राम की शर्तों को लागू करवाने पर बातचीत कराएगी.

मजबूर है पाकिस्तान

बता दें, IMF की कुछ शर्तों को पाकिस्तान में लागू करने के बाद महंगाई और बढ़ी है और रुपया ऐतिहासिक रूप से गिरा है. पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत को 16% तो खाना पकाने वाले गैस की कीमत 30% से बढ़ गई है. इसी कड़ी में शाहबाज़ शरीफ IMF की शर्तों को लेकर चिंतित नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि IMF की शर्तों को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था इसलिए वह इस प्रोग्राम को मंजूरी दे रहे हैं. यदि देश IMF को नहीं अपनाएगा तो वह डिफ़ॉल्ट हो जाएगा.

IMF नहीं कोई रामबाण

शुक्रवार को देश की हालत बयां करते हुए पीएम शहबाज़ ने कहा, ‘इस समय हमारी आर्थिक चुनौती अकल्पनीय है. IMF की समीक्षा पूरी करने के लिए हमें जिन शर्तों को पूरा करना है, वे कल्पना से परे हैं.’ विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही IMF का पैकेज इस समय पाकिस्तान को डिफ़ॉल्ट होने से बचा लेगा लेकिन आने वाले समय में ये सभी समस्याओं का हल नहीं है. पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए अभी भी देश में कई अहम सुधार करने की आवश्यकता है.

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