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इस राज्य में बाल विवाह पर ताबड़तोड़ एक्शन, जानिए गैर-कानूनी शादियों का डाटा

दिसपुर: असम में बाल विवाह को सामाजिक अपराध मानते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ा निर्णय लिया है। बाल विवाह के आरोप में राज्य भर में धड़ल्ले से गिरफ्तारियां जारी हैं। इस गिरफ्तारी से कोई वर्ग नहीं बचा है। बाल विवाह करने के आरोप में पुजारी से लेकर काजी के खिलाफ कार्रवाई चल रही […]

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इस राज्य में बाल विवाह पर ताबड़तोड़ एक्शन, जानिए गैर-कानूनी शादियों का डाटा
  • February 3, 2023 8:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

दिसपुर: असम में बाल विवाह को सामाजिक अपराध मानते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ा निर्णय लिया है। बाल विवाह के आरोप में राज्य भर में धड़ल्ले से गिरफ्तारियां जारी हैं। इस गिरफ्तारी से कोई वर्ग नहीं बचा है। बाल विवाह करने के आरोप में पुजारी से लेकर काजी के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। यहाँ हजारों लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बहुत पहले राज्य में बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक अभियान चलाया था। उन्होंने इसमें शामिल बाल विवाह करने वालों पर सामाजिक अपराध के तौर पर नकेल कसने की बात कही थी। सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जो भी कम उम्र में शादी करेगा या शादी करेगा, उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उसे तत्काल प्रभाव से जेल जाना पड़ेगा।

 

असम में बाल विवाह की स्थिति

बता दें, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) 2019-21 के अनुसार, असम में 15-19 आयु वर्ग की लगभग 11.7% महिलाएं पहले से ही माँ या गर्भवती थीं। असम के कई जिलों में 20-24 साल की महिलाओं पर जब सर्वे किया गया तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया। 18 वर्ष की आयु से पहले विवाहों की संख्या सबसे अधिक पाई गई। सर्वे में पाया गया कि यहाँ ज्यादातर शादियां 15-19 साल की उम्र के बीच होती हैं।

दूसरे राज्यों में क्या है स्थिति?

भारत में शादी की कानूनी उम्र लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 साल है, लेकिन इस मामले में सरकार दोनों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करने पर विचार कर रही है। वर्ष 2019-22 के बीच राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार, देश में लगभग 25% महिलाओं ने 18-29 वर्ष की आयु के बीच विवाह किया, जबकि 15% पुरुषों ने 21-29 वर्ष की आयु के बीच विवाह किया।

जानिए आंकड़े

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, देश भर के कई राज्यों में शादी की कानूनी तय उम्र में शादी नहीं की जा रही है। आइए आपको बताते हैं कि कइँती फीसदी शादियाँ कानूनी उम्र से पहले की जा रही हैं :

पश्चिम बंगाल = 42 फीसदी,
बिहार = 40 फीसदी,
त्रिपुरा = 39 फीसदी,
झारखंड = 35 फीसदी,
आंध्र प्रदेश = 33 फीसदी,
असम = 32 फीसदी,
तेलंगाना = 27 फीसदी,
राजस्थान = 25
मध्यप्रदेश = 25

 

लड़कों का भी होता है बाल विवाह

आपको बता दें, न केवल लड़कियों की शादी कम उम्र में हो जाती है, बल्कि देश भर के कई राज्यों में लड़कों की शादी भी कम उम्र में हो जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, अगर बच्चों की उम्र की बात करें तो बिहार में 25%, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 24%, झारखंड में 22%, अरुणाचल प्रदेश में 21% और पश्चिम बंगाल में 20% लड़के 21 साल की उम्र से पहले शादी करते हैं। यह राष्ट्रीय घरेलू स्वास्थ्य सर्वेक्षण देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में लगभग 6.37 लाख घरों में किया गया था। जिनमें 7,24,115 महिलाएं और 1,01,839 पुरुष हैं।

 

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