नई दिल्ली: 1 फरवरी(बुधवार) को केंद्र सरकार ने अपना इस साल का संसदीय बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी कार्यकाल का 10वां बजट पेश किया. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवा बजट भाषण रहा जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. अगले ही साल लोकसभा […]
नई दिल्ली: 1 फरवरी(बुधवार) को केंद्र सरकार ने अपना इस साल का संसदीय बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी कार्यकाल का 10वां बजट पेश किया. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवा बजट भाषण रहा जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. अगले ही साल लोकसभा चुनाव हैं ऐसे में मोदी सरकार ने इस साल के बजट में चुनावी दांव चलते हुए सभी वर्गों का ख़ास ख़याल रखा है. इस साल के बजट में कई क्षेत्रों के लिए करोड़ों रुपये का ऐलान किया गया है. इसी कड़ी में खेल बजट में भी बंपर बढ़ोतरी की गई है.
अगर खेल मंत्रालय के बजट को देखें तो इस बार बंपर बढ़ोतरी की गई है. युवा और खेल मामलों के केंद्र सरकार ने मंत्रालय के लिए 3389 करोड़ रुपये का बजट देने का ऐलान किया है. यह बजट पिछले साल के मुकाबले में कई गुना ज़्यादा है. 2022-23 के बजट में केंद्र सरकार ने युवा-खेल मंत्रालय के लिए 2671 करोड़ रुपये दिए गए थे. इस साल इसे बढ़ाकर 3389 करोड़ किया गया है.
इसके अलावा भी खेलो इंडिया के बजट में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब खेलो इंडिया का बजट 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में भी खेलों को बढ़ावा देने की दृष्टि से 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए 107 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. बता दें, इस साल राष्ट्रीय खेल परिसंघों को सहायता का बजट ख़त्म कर दिया गया है जो पिछले साल 280 करोड़ रुपये था.
स्टार्टअप और अकादमिया स्तर पर भी रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है. इसे बढ़ावा देने के लिए नेशनल डाटा गवर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी जिसमें देशभर में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन सलेक्ट कर उन्हें विकसित किया जाएगा. इनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को लुभाने के लिहाज से रोजगार और स्वरोजगार के मौके बनाए जाएंगे.
इसके अलावा एग्रीकल्चर एक्सेलेटर फंड बनाया जाएगा, जिससे कृषि आधारित स्टार्टअप में उछाल आएगा. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि पहले के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था अब ज्यादा संगठित है और इससे डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त उछाल आया है. ऐसे में देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए देश भर में काफी क्षमताएं हैं. पर्यटन क्षेत्र में काफी क्षमता है इससे युवााओं को बड़े पैमाने पर रोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप का मौका मिल सकता है.