नई दिल्ली: अगले ही साल (2024) लोकसभा चुनाव है. ऐसे में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को साधने का दांव चल दिया है. हर साल बजट से पहले आम आदमी की सबसे बड़ी अपेक्षा इनकम टैक्स में छूट होती है. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने अब मिडिल क्लास को बजट के रूप में बड़ा […]
नई दिल्ली: अगले ही साल (2024) लोकसभा चुनाव है. ऐसे में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को साधने का दांव चल दिया है. हर साल बजट से पहले आम आदमी की सबसे बड़ी अपेक्षा इनकम टैक्स में छूट होती है. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने अब मिडिल क्लास को बजट के रूप में बड़ा तोहफा दे दिया है.
दरअसल, बजट 2023 के तहत नया इनकम टैक्स स्लैब पेश किया गया है. इस नए टैक्स स्लैब में सबसे ज्यादा मध्यवर्गीय परिवार का ध्यान रखा गया है. अब आम आदमी को अपनी 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर नहीं देना होगा. इस प्रकार आयकर की नई टैक्स दर तय की गई है.
पहला स्लैब (3 से 6 लाख) – 5 फीसदी टैक्स देना होगा।
दूसरा स्लैब (6 से 9 लाख) – 10 फीसदी टैक्स लगेगा।
तीसरा स्लैब (9 से 12 लाख) – 15 फीसदी टैक्स लगेगा
चौथा स्लैब (12 से 15 लाख) – 20 फीसदी टैक्स
इससे अधिक कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लागू होगा।
आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2022 तक भारत में वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या करीब 8.6 करोड़ तक थी. ऐसे में केंद्र की ओर से किए गए टैक्स स्लैब में बदलाव से करोड़ों वेतनभोगियों को फायदा मिल सकता है. बता दें, भारत में शहरों के वेतनभोगियों की औसतन सैलरी 3 लाख रुपये सालाना है. इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या अब 7 से 5 हो गई है. इसका भी फायदा कई वर्गों को मिलेगा.
जानकारों के अनुसार सरकार ने नई टैक्स रिजीम पर अन्य सहूलियतों का भी ऐलान किया है. ऐसे में अब टैक्स की गणना की पुरानी व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म की जाएगी. इसका सीधा-सीधा ये अर्थ है कि कुछ वर्षों में आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के प्रावधानों को वापस भी लिया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा के लिए 52,500 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा.
बता दें, पुराने स्लैब के हिसाब से 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. अब नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है. यह लिमिट पहले ढाई लाख रुपये पर थी. इसके अलावा अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर पहले 50 हजार रुपये का जो स्टैंडर्ड डिडक्शन था उसे 52500 रुपये कर दिया गया है.