नई दिल्ली: साल 2023 का संसदीय बजट सामने आ चुका है. इस साल केंद्र बजट में भारी इज़ाफ़ा देखा गया है. केंद्र सरकार ने कई योजनाओं में बड़े स्तर पर खर्च की तैयारी की है. बता दें, पिछले साल यानी 2022 में सरकार 39.45 लाख करोड़ का बजट लेकर आई थी. इस साल भी अनुमान […]
नई दिल्ली: साल 2023 का संसदीय बजट सामने आ चुका है. इस साल केंद्र बजट में भारी इज़ाफ़ा देखा गया है. केंद्र सरकार ने कई योजनाओं में बड़े स्तर पर खर्च की तैयारी की है. बता दें, पिछले साल यानी 2022 में सरकार 39.45 लाख करोड़ का बजट लेकर आई थी. इस साल भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी के आसपास सरकार का बजट बनकर तैयार होगा.
आंकड़ों के अनुसार फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास में सरकार 1250 करोड़ रूपए खर्च करने की योजना बना रही है. आइए जानते हैं किस मंत्रायल को कितना बजट सौंपने की योजना बनाई गई है. बता दें, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में साफ़ कर दिया है कि इस साल सरकार (2023) इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण (FAME) में 5172 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 79,590 करोड़ रुपये, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 2491 करोड़ रुपये, जल जीवन मिशन के मामले में यह आंकड़ा 70 हजार करोड़ रुपये और एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल में 5943 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है.
इस साल के बजट में रक्षा मंत्रालय पर 5.94 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग के लिए इस साल केंद्र ने – 2.70 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया है.
रेल मंत्रालय को इस साल- 2.41 लाख करोड़ रुपये का बजट देने की योजना है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के लिए संसद में 2.06 लाख करोड़ रुपये के बजट की मांग है.
गृहमंत्रालय को अपनी आगामी योजनाओं के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये का बजट देने की योजना बनी है.
रसायन और उर्वरक मंत्रालय पर साल 2023 में 1.78 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे
ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए बजट 2023 में 1.60 लाख करोड़ रुपये का वर्णन किया गया है.
कृषि और किसान कल्याण के लिए इस साल 1.25 लाख करोड़ रुपये का बजट बताया गया है.
संचार मंत्रालय के लिए साल 2023 में 1.23 लाख करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है.
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार