नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) में देश लगातार आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत के डिफेंस सेक्टर में दी जाने वाली फंड में लगातारी बढ़ोतरी की जा रही है। पिछले साल के बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.25 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जो कि उससे पहले से 10 […]
नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) में देश लगातार आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत के डिफेंस सेक्टर में दी जाने वाली फंड में लगातारी बढ़ोतरी की जा रही है। पिछले साल के बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.25 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जो कि उससे पहले से 10 फीसदी ज्यादा था। अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साल भी इस क्षेत्र में दी जाने वाली बजट की राशि को बढ़ाया जा सकता है।
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आने वाले एक साल के लिए देश का बजट पेश करने वाली हैं। इस बार देश को इस बजट से कुछ खास उम्मीदें हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश के कई क्षेत्रों में आर्मनिर्भरता की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है। देश के रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस बार के बजट में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रक्षा क्षेत्र को लेकर बहुत कुछ महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती हैं।
बता दें कि पिछले साल बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.25 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जो कि उसके पहले से 10 फीसदी की बढ़ोतरी पर था। इस बार भी अर्थशास्त्रियों को कहना है कि बजट के क्षेत्र में लगभग 10 फीसदी की ही बढ़ोतरी की जा सकती है। ऐसा इसलिए हैं कि क्योंकि भारत लगातार सेना के हथियारों और अन्य साजो समान को लेकर लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में बजट में रक्षा क्षेत्र को इस बार भी बूस्ट मिल सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश के डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में बजट को साल 2024 तक 25 लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार लगातार डिफेंस सेक्टर में बढ़ोतरी कर रही है। भारत के रक्षा क्षेत्र में बजट के पैसों को बढ़ाने का सबसे मुख्य कारण लगातार पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा को लेकर तनाव भी रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन और अमेरिका के बाद भारत का रक्षा बजट दुनिया में सबसे ज्यादा है।