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बजट से पहले बंधक बनाए जाते हैं फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी,जानिए ‘गुप्तवास’ की कहानी

नई दिल्ली : भारत सरकार द्वारा बजट की तैयारियों जोरों पर है. वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण 2023-24 का फुल बजट अंतिम बार पेश करेगी क्योंकि अगले साल चुनाव होना है. यानी अगले साल सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. कोरोना के कारण पिछले 2 साल से हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं हो पाया था. लेकिन इस […]

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बजट से पहले बंधक बनाए जाते हैं फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी,जानिए ‘गुप्तवास’ की कहानी
  • January 30, 2023 6:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : भारत सरकार द्वारा बजट की तैयारियों जोरों पर है. वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण 2023-24 का फुल बजट अंतिम बार पेश करेगी क्योंकि अगले साल चुनाव होना है. यानी अगले साल सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. कोरोना के कारण पिछले 2 साल से हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं हो पाया था. लेकिन इस बार गुरूवार को हलवा सेरेमनी का आयोजन शुरू हुआ. बजट तैयारी के लिए लॉक इन प्रोसेस से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है. हलवा सेरेमनी के बाद वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारी जो बजट की तैयारी में लगे रहते है उनको नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहना पड़ता है. बेसमेंट में अधिकारी तब तक रहते है जब तक वित्त मंत्री बजट पेश न कर दे. ऐसा इसिलए किया जाता है ताकि बजट से संबंधित कोई बात लीक न हो जाए.

कर्मचारियों को लॉक इन में रहना पड़ेगा

इस बार बजट बनाने की प्रक्रिया में जो भी अधिकारी और कर्मचारी लगे हुए थे उनको एक हफ्ते तक लॉक इन में रहना पड़ेगा. एक हफ्ते तक ये पूरी दुनिया से कटे रहेंगे. इनको तब तक यहां रहना पड़ेगा जबतक वित्त मंत्री बजट पेश नहीं कर देती . इसका मकसद सिर्फ बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न हो . बजट को छापने के लिए नॉर्थ ब्लॉक के अंदर ही प्रेस है. भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ऐसा किया जाता है.

किसी से बात नहीं कर सकते अधिकारी

वित्त मंत्री भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत हर साल संसद में बजट पेश करता है. बजट से जुड़ी जानकारी को छुपाए रखने के लिए लगभग 100 कर्मचारियों को एक हफ्ते तक अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है. इस दौरान उनके पास किसी भी तरह के दूरसंचार का साधन नहीं रहता है. कर्मचारियों पर खुफिया विभाग की नजर रहती है. विश्व के कई देशों में कर्मचारियों और अधिकारियों को इस तरह की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

बजट बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. बजट बनने के एक महीने पहले से ही वित्त मंत्रायल में मीडिया की एंट्री बंद हो जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अगर बजट से जुड़ी जानकारी कोई भी लीक हो जाएगी तो देश को काफी नुकसान हो सकता है.जिस भी कर्मचारी को बजट बनाने में लगाया जाता है उसका नाम गुप्त रखा जाता है.

 

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