लद्दाख। लद्दाख में क्लाइमेट फास्ट शुरु करने वाले मैगसेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के आंदोलन से प्रशासन को दिक्कत होने लगी है। बता दें, लद्दाख में मौसम बदलाव के विरोध में आंदोलन कर रहे वांगचुक का समर्थन करने पर विदेशी पर्यटकों पर वीजा नियमों का उल्लघंन करने के आरोप में लद्दाख प्रशासन की […]
लद्दाख। लद्दाख में क्लाइमेट फास्ट शुरु करने वाले मैगसेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के आंदोलन से प्रशासन को दिक्कत होने लगी है। बता दें, लद्दाख में मौसम बदलाव के विरोध में आंदोलन कर रहे वांगचुक का समर्थन करने पर विदेशी पर्यटकों पर वीजा नियमों का उल्लघंन करने के आरोप में लद्दाख प्रशासन की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि पर्यटकों के नाम और संख्या को प्रशासन ने बताने से मना कर दिया है।
वही मामले पर एसएसपी लेह पीडी नित्या ने कहा कि, “स्थानीय लोगों की ओर से सरकार के खिलाफ विरोध या असहमति जताना आंतरिक मामला है। इसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो गए थे। विदेशी पर्यटकों की मंशा भले ही विरोध जताने की ना रही हो, लेकिन वीजा में विदेशी पर्यटकों के लिए ऐसे मामलों से दूर रहने के स्पष्ट नियम दिए हुए है। नियमों का उल्लघंन करने के बाद भी यह पर्यटक आठ से नौ घंटे अनशन वाली जगह पर बैठे रहे, जिस कारण उन पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में सोनम वांगचुक पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
थ्री इडियट फिल्म के रेंचो किरदार से प्रसिद्ध हुए सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल कर जनजातीय दर्जे की सुविधाएं देने की मांग कर रहे है। बता दें, इसी मांग को लेकर लेह और कारगिल के विभिन्न संगठन पहले से आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में इस जलवायु अनशन को राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़कर भी देखा जा रहा है। सोनम का कहना है कि उनके इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए देश और विदेशों से भारी समर्थन मिल रहा है।