फोरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा, दलितों के घर में अंदर से लगी थी आग

फरीदाबाद. हरियाणा के बल्लभगढ़ के सुनपेड़ गांव में दलित समुदाय के घर आगजनी वाले मामले में नया खुलासा हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हरियाणा की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया है कि आग घर के अंदर से ही लगी थी, बाहर से नहीं लगाई […]

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फोरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा, दलितों के घर में अंदर से लगी थी आग

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  • October 30, 2015 6:44 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
फरीदाबाद. हरियाणा के बल्लभगढ़ के सुनपेड़ गांव में दलित समुदाय के घर आगजनी वाले मामले में नया खुलासा हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हरियाणा की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया है कि आग घर के अंदर से ही लगी थी, बाहर से नहीं लगाई गई थी. FSL के डायरेक्टर रिपोर्ट को इस हफ्ते के आखिर तक सीबीआई को सौंप देंगे.
 
क्या कहती है रिपोर्ट
एक्सपर्ट्स ने पाया कि आधी जली हुई केरोसिन तेल की प्लास्टिक बोतल बेड के नीचे मिली. बेड का भी कुछ हिस्सा जल चुका था. एक जला हुआ माचिस का डिब्बा रूम की खिड़की के स्लैब पर पड़ा था. फोरेंसिक रिपोर्ट के नतीजे पीड़ित के बयान से एकदम अलग हैं. जितेंद्र ने दावा किया था कि जब वे घर में सो रहे थे, तो दबंगों ने घर को आग लगा दी थी. 
 
एफएसएल के सूत्रों के मुताबिक, फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के वक्त घर में बाहर से किसी के आने के सबूत नहीं हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्वलनशील पदार्थ (आरोपी ने पेट्रोल फेंकने की बात की थी) गिराने का पैटर्न वर्टिकल (सीधा) है. अगर पीड़ित की पत्नी रेखा बेड पर सो रही थी, तो ऐसा करना मुश्किल है. मौका-ए-वारदात पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़कने का पैटर्न मिल रहा है. यानी इधर-उधर छींटे पड़े थे. इससे यह पता चलता है कि पेट्रोल बाहर से नहीं फेंका गया, बल्कि मौके पर गिराया गया और बाद में आग लगी.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि घर में दो रूम हैं. जितेंद्र ने पुलिस को दिए स्टेटमेंट में आरोप लगाया है कि उसने दो रूमों के बीच दीवार में छोटी-सी खाली जगह से अपने बच्चों को निकाला. हालांकि, एक्सपर्ट्स ने इस दावे को खारिज किया है. होल इतना बड़ा नहीं है कि कोई उससे निकल सके. एफएसएल रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि घर के दरवाजे भीतर से बंद किए गए थे. जांच करने गई टीम कुंडी पर धुएं के पहुंचने के पैटर्न से इस नतीजे पर पहुंची है. जितेंद्र ने आरोप लगाया था कि 11 लोग उसके घर में दीवार फांद कर आए थे और हमला कर भाग गए. फोरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि दीवार के आगे पौधे थे. अगर वहां कोई कूदता तो जरूर पौधे दबे होते लेकिन उस इलाके में किसी के आने-जाने के सबूत नहीं मिले.
 
क्या है मामला?
फरीदाबाद के पास बल्लभगढ़ के सुनपेड़ गांव में 20-21 अक्टूबर की दरमियानी रात दलित समुदाय के जितेंद्र के घर आगजनी का मामला सामने आया था. इसमें दो बच्चों की मौत हो गई थी. जितेंद्र ने आरोप लगाया था कि अपर कास्ट के कुछ लोगों ने घर में घुस कर पेट्रोल डाला और आग लगा दी. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

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