Adani Group ने Hindenburg के आरोपों को भारत पर हमला बताया, 413 पन्नों का जवाब किया जारी

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अडानी ग्रुप की तरफ से रविवार को एक बयान जारी किया गया, जिसमें अडानी ग्रुप ने उनकी कंपनी पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए इस रिपोर्ट को भारत पर हमला बताया। अडानी ग्रुप का कहना था कि वह 24 जनवरी को मेड ऑफ ऑफ मैनहट्टन हिंडनबर्ग की […]

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Adani Group ने Hindenburg के आरोपों को भारत पर हमला बताया, 413 पन्नों का जवाब किया जारी

Vikas Rana

  • January 30, 2023 7:12 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अडानी ग्रुप की तरफ से रविवार को एक बयान जारी किया गया, जिसमें अडानी ग्रुप ने उनकी कंपनी पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए इस रिपोर्ट को भारत पर हमला बताया। अडानी ग्रुप का कहना था कि वह 24 जनवरी को मेड ऑफ ऑफ मैनहट्टन हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट को पढ़कर काफी ज्यादा हैरान और परेशान है।

क्या कहा अडानी ग्रुप ने ?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अडाणी समूह ने अपने जवाब में लिखा कि, यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है। इस रिपोर्ट ने भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर हमला किया है, यह भारत के विकास की कहानी और महत्वाकांक्षाओं पर किया गया हमला है। अडानी समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और झूठे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है।

आरोपों को बताया बेबुनियाद 

समूह ने आगे लिखते हुए कहा कि, रिपोर्ट में हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और समूह को बदनाम करने की मंशा से ये आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट को सिर्फ एक उद्देश्य से लिखा गया है-  झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके। इसके अलावा समूह ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए है।

ग्रुप ने कहा कि जब अडानी समूह का आईपीओ लॉन्च होने वाला था, ये आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला था। लेकिन ठीक उससे पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है। इसके अलावा कंपनी इस रिपोर्ट को भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए जारी किया है। इसको जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटी एंड फॉरेन एक्सचेंज कानून का भी उल्लंघन किया है, ना तो यह रिपोर्ट पूरी तरह से स्वतंत्र है, ना ही निष्पक्ष और ना ही इसको लेकर कोई अच्छी रिसर्च की गई है।

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