INS Vagir: भारतीय नौसेना में कमीशन हुई सबमरीन INS वागीर, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में शौर्य दिवस के अवसर पर आईएनएस वागीर को शामिल किया गया हैं। देश को दुश्मनों के नापाक नजर से बचाने के लिए आईएनएस वागीर का भारतीय नौसेना में शामिल होना बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। इस दौरान नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार भी उपस्थित थे। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती […]

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INS Vagir: भारतीय नौसेना में कमीशन हुई सबमरीन INS वागीर, जानिए इसकी खासियत

Vaibhav Mishra

  • January 23, 2023 1:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में शौर्य दिवस के अवसर पर आईएनएस वागीर को शामिल किया गया हैं। देश को दुश्मनों के नापाक नजर से बचाने के लिए आईएनएस वागीर का भारतीय नौसेना में शामिल होना बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। इस दौरान नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार भी उपस्थित थे। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती हुई शक्तियों के बीच वागीर के शामिल होने से चीन को बहुत बड़ा झटका लगा हैं। साइलेंट किलर के नाम से पुकारा जाने वाला आईएनएस वागीर ने चीनी खेमों में हलचल मचा दी हैं। मझगांव शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने इसे फ्रांस की नावेल कंपनी के मदद से बनाया हैं।

बिना आवाज करेगी दुश्मनों पर हमला

भारतीय नौसेना के मुताबिक यह दुनिया के बेहतरीन सेंसर से लैस पनडुब्बी हैं। यह ख़ुफ़िया व निगरानी का काम भी करेगी। दुश्मन को मुहतोड़ जवाब देने में यह पूरी तरह सक्षम हैं। मालूम हो कि कलवरी क्लास की पनडुब्बियों में यह पांचवें नंबर पर है। इससे पहले चार पनडुब्बी शामिल हो चुकी हैं।सैंडफिश के एक प्रजाति के नाम पर इसका नाम रखा गया हैं,जिस वजह से इसे सैंड शार्क भी कहा जाता हैं। बिना आवाज किए यह दुश्मनों पर हमला कर सकता हैं।

इसकी एक बड़ी खासियत यह हैं कि दुश्मनों के रडार पर पकड़ में नहीं आता हैं।प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया यह सबमरीन समुद्र के अंदर बारूदी सुरंग बिछा सकता हैं। साथ ही स्टेल्थ तकनीक से बने होने के कारण दुश्मन इसके मौजूदगी का पता भी नहीं लगा सकते।

इसकी अन्य खासियतें

  • सबसे कम समय में बनने वाली पनडुब्बी
  • ऑक्सीजन बनाने की क्षमता, जिसके कारन 50 दिनों तक पानी के अंदर ठहर सकती हैं।
  • 221 फ़ीट लम्बी और 40 फ़ीट ऊंची हैं।
  • PAFC फ्यूल सेल ली मदद से बिना आवाज के दुश्मनों पर करेगी अटैक।
  • 18 SUT टॉरपीडो जो कि एक ड्यूएल परपज़ हथियार हैं ,की मदद से तटों से भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती हैं।
  • समुद्र के अंदर माइन्स बिछाने का काम करेगी।
  • यह सबमरीन पूरी तरह से भारत में बना हुआ हैं, जो रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। अपने समुद्री हितों और लोगों के सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारत आज दूसरों देशों का मोहताज नहीं हैं बल्कि आज अपने समुंद्री सीमाओं की रक्षा के लिए स्वयं आत्मनिर्भर हैं।

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