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Holi 2023: इन दिन है होली का त्योहार, जानिए होलिका दहन की तिथि

Kab Hai Holi 2023: होली और दिवाली हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में गिने जाते हैं। नए साल में होली पहले आएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन होता है और अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होली खेली जाती है। इस साल होली का त्योहार मार्च के […]

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Holi 2023: इन दिन है होली का त्योहार, जानिए होलिका दहन की तिथि
  • January 20, 2023 7:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Kab Hai Holi 2023: होली और दिवाली हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में गिने जाते हैं। नए साल में होली पहले आएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन होता है और अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होली खेली जाती है। इस साल होली का त्योहार मार्च के दूसरे सप्ताह में है। यानी इस बार होली 8 मार्च बुधवार को मनाई जाएगी। इस बार होलिका दहन के समय भद्रा नहीं रहेगी।

 

Holi 2023

बता दें, रंग और उमंग से भरपूर होली के पावन पर्व का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस त्यौहार को देश-विदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यही वजह है कि नया साल शुरू होने के बाद से ही लोग इसका बेसब्री से इंतजार करने लगते हैं। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह पावन पर्व इस साल कब मनाया जाएगा? किस दिन जलेगी होलिका और किस दिन रंग खेलेंगे? होली से जुड़ी मान्यता और इस पावन पर्व से जुड़े शुभ मुहूर्त आदि के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं.

होलिका दहन

 

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि शाम 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो जाएगी। ऐसे में इस बार होलिका दहन 7 मार्च को होगा.होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 18:24 बजे है से रात 20:51 मिनट तक है यानी इस बार होलिका दहन का कुल समय 2 घंटे 27 मिनट है। जबकि होलिका दहन के दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक है. ऐसे में होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा। होलिका दहन के अगले दिन होली का त्योहार होगा। इस साल होली 8 मार्च बुधवार को खेली जाएगी। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि 8 मार्च को शाम 7 बजकर 42 मिनट तक है

 

होली का धार्मिक महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार होली का संबंध होलिका और प्रह्लाद की कहानी से है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जब होलिका भगवान श्री विष्णु के परम भक्त को मारने के लिए आग में बैठी थी तो श्री हरि की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और वह सुरक्षित बाहर आ गया लेकिन होलिका उसी आग में जलकर राख हो गई। . हिंदू मान्यता के अनुसार होली से 8 दिन पहले प्रह्लाद को सताना शुरू हो गया था इसीलिए होलिका दहन से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है और ऐसे में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

 

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