पूजा को सभी टॉप अमेरिकी स्कूलों में मिला एडमिशन

भारतीय मूल की महज 17 साल की एक लड़की को आईवी लीग के सभी आठ स्कूलों सहित अमेरिका के शीर्ष 14 स्कूलों में दाखिला मिल सकता है. वर्जीनिया में जन्मी पूजा चंद्रशेखर ने इस आशा में आईवी लीग के सभी आठ स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन किया था कि उन्हें किसी एक में तो पढ़ने का मौका मिल ही जाएगा. लेकिन अब उन्हें हार्वर्ड, येल, प्रिंटस्टन, कोर्नेल, डार्मोथ, कोलंबिया, ब्राउन और पेनसिनवेनिया विश्वविद्यालय के अलावा स्टैनफोर्ड और एमआईटी के अलावा छह अन्य विश्वविद्यालयों में चुनाव करने का मौका मिला है.

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पूजा को सभी टॉप अमेरिकी स्कूलों में मिला एडमिशन

Admin

  • April 13, 2015 7:18 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

वाशिंगटन. भारतीय मूल की महज 17 साल की एक लड़की को आईवी लीग के सभी आठ स्कूलों सहित अमेरिका के शीर्ष 14 स्कूलों में दाखिला मिल सकता है. वर्जीनिया में जन्मी पूजा चंद्रशेखर ने इस आशा में आईवी लीग के सभी आठ स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन किया था कि उन्हें किसी एक में तो पढ़ने का मौका मिल ही जाएगा. लेकिन अब उन्हें हार्वर्ड, येल, प्रिंटस्टन, कोर्नेल, डार्मोथ, कोलंबिया, ब्राउन और पेनसिनवेनिया विश्वविद्यालय के अलावा स्टैनफोर्ड और एमआईटी के अलावा छह अन्य विश्वविद्यालयों में चुनाव करने का मौका मिला है.

बेंगलुरु से अमेरिका गए इंजीनियर दंपति की इकलौती बेटी पूजा को एसएटी में कुल 2400 अंक में से 2390 अंक मिले हैं. अपने स्कूल की पढ़ाई में अव्वल आने के अलावा पूजा दूसरे क्षेत्रों में भी काफी सक्रिय हैं. वर्जीनिया के थॉम्स जेफर्सन हाई स्कूल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने वाली पूजा ने एक ऐसा मोबाइल ऐप भी विकसित किया है, जो व्यक्ति की आवाज के माध्यम से बता सकता है कि उसे पार्किंसन बीमारी है या नहीं. इस ऐप के 96 प्रतिशत परिणाम सही आते हैं.

IANS

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